भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षाकर्मियों के लिए नई ज़िम्मेदारी

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बीएसएफ
बार्डर पर तैनात बीएसएफ.

भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गलियारा खुलने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों खासतौर से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ BSF) और पंजाब पुलिस को नई ज़िम्मेदारी मिल रही है और ये अलग तरह की चुनौती भी है. भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी कल गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक में करतारपुर गलियारे की चेकपोस्ट का उद्घाटन करेंगे.

आमतौर पर सीमा पर इमिग्रेशन नाके की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ CISF) की होती है लेकिन करतारपुर गलियारे में इमिग्रेशन चेक प्वाइंट्स की ज़िम्मेदारी बीएसएफ के पास है. पाकिस्तान और बांग्लादेश की भारतीय सीमा पर सुरक्षा का काम बीएसएफ को सौंपा गया है. लैंड पोर्ट अथॉरिटी आफ इण्डिया एक्ट 2010 के तहत डेरा बाबा नानक टर्मिनल पर यात्रियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी बीएसएफ की बनती है. यहाँ सुरक्षा के नियम उतने ही कड़े होंगे जितने हवाई अड्डे पर होते हैं. लिहाज़ा सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव के गुरूद्वारे में दर्शन के लिए लिए आने वाले यात्रियों की उसी तरह तलाशी और जांच होगी जैसी एयरपोर्ट पर होती है.

करतारपुर गलियारा

पाकिस्तान में छिपे कुछ खालिस्तान समर्थक भारत विरोधी अपनी छोटी मोटी हरकतें करते रहते हैं. सुरक्षाकर्मियों को इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि गुरुद्वारे के दर्शन के बाद लौटते वक्त तीर्थ यात्री खालिस्तान समर्थकों के बहकावे में आकर उनकी प्रचार सामग्री यहाँ लेकर न आयें. साथ ही उन्हें इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि उनके व्यवहार में नरमी भी रहे और जांच में सख्ती कहीं यात्रियों का कष्ट बढ़ाने वाली न हो. वैसे इस तरह के ख़ास काम के लिए बीएसएफ को ट्रेनिंग भी मिली हुई है. बीएसएफ़ के अलावा आव्रजन, सीमा शुल्क और राज्य सरकार के कर्मचारी भी यात्रियों और तीर्थयात्रियों के लिए टर्मिनल पर तैनात होंगे. इसके लिए पंजाब पुलिस के दस्ते के अलावा बीएसएफ की पांच कम्पनियां यहाँ तैनात की गई हैं.

करतारपुर गलियारे का रास्ता बताता बोर्ड.

करतारपुर गलियारे से रोज़ाना तकरीबन पांच हज़ार तीर्थ यात्रियों का आना जाना होगा और भारत-पाकिस्तान के बीच इस बारे में हुए करार के मुताबिक़ कुछ ख़ास मौके पर ये तादाद बढ़कर 10 हज़ार भी पहुँच सकती है. 12 नवम्बर को गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के मौके पर यहाँ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह समेत कई वीवीआईपी वाले तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे का यहाँ आना प्रस्तावित है. ये अपने आप में अलग सुरक्षा चुनौती है.

कल चेकपोस्ट के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुल्तानपुर लोधी में बेर साहेब गुरुद्वारा में अरदास करेंगे और इसके बाद डेरा बाबा नानक में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.

उल्लेखनीय है कि डेरा बाबा नानक के निकट अंतर्राष्ट्रीय सीमा स्थित जीरो-प्वॉइंट पर करतारपुर साहब गलियारा तैयार करने के लिए भारत ने 24 अक्टूबर, 2019 को पाकिस्तान के साथ समझौता किया था. स्मरण रहे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर में और पूरी दुनिया में श्री गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक 550वें प्रकाश पर्व को भव्य रूप में मनाने के लिए 22 नवम्बर, 2018 को प्रस्ताव पारित किया था.

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं :

डेरा बाबा नानक को अमृतसर-गुरदासपुर राजमार्ग से जोड़ने के लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन वाला 4.2 किलोमीटर लम्बा राजमार्ग बनाया गया. 15 एकड़ जमीन पर शानदार यात्री टर्मिनल भवन बनाया गया है, यह भवन पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसका निर्माण हवाइअड्डे के टर्मिनल की तरह किया गया है. यहां 50 आव्रजन काउंटर हैं, जो हर रोज़ 5000 श्रद्धालुओं को सेवा प्रदान करेंगे. मुख्य इमारत में शौचालय, सहायता केंद्र, बच्चों के लिए सुविधा, प्राथमिक उपचार सुविधा, प्रार्थना कक्ष, अल्पाहार काउंटर आदि मौजूद हैं. मजबूत सुरक्षा के लिए सीसीटीवी द्वारा निगरानी की व्यवस्था है तथा जन सूचना प्रणाली लगाई गई है. अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 300 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है.

पाकिस्तान से समझौते की मुख्य बातें :

सभी धर्मों को मानने वाले भारतीय और भारतीय मूल के श्रद्धालु गलियारे का उपयोग कर सकते हैं. इस यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है, श्रद्धालुओं के पास केवल पासपोर्ट होना चाहिए. भारतीय मूल के लोगों के लिए अपने देश के पासपोर्ट के साथ ओसीआई कार्ड रखना आवश्यक होगा. गलियारा सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहेगा. सुबह जाने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन वापस लौटना होगा. केवल अधिसूचित दिनों को छोड़कर गलियारा पूरे साल खुला रहेगा, जिसकी सूचना अग्रिम रूप से दे दी जाएगी. यहाँ श्रद्धालुओं को अकेले या समूह में अथवा पैदल जाने की छूट होगी.

यात्रा की तारीख से 10 दिन पहले भारत श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्तान को सौंपेगा. यात्रा तिथि के 4 दिन पहले श्रद्धालुओं को यात्रा की पुष्टि की सूचना प्राप्त हो जाएगी. पाकिस्तान पक्ष ने भारत को आश्वासन दिया है कि ‘लंगर’ और ‘प्रसाद’ का पर्याप्त इंतज़ाम किया जाएगा.