दिल्ली की लाइफ लाइन बन चुकी मेट्रो रेल की सुरक्षा में अपना पूरा जीवन लगा देने वाले केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ-CISF) के सात खोजी कुत्तों के रिटायरमेंट पर उनको दिया गया सम्मान मेट्रो की सुरक्षा के इतिहास की शायद सबसे दिलचस्प और पहली घटना है. सीआईएसएफ के डॉग स्क्वाड के इन सात श्वानों के काम को किसी भी सैनिक के काम से कम नहीं आँका जा सकता. सुरक्षा के हिसाब से बेफिक्र होकर मेट्रो में सफर करने वाले लोगों को शायद अंदाजा भी नहीं हो सकता कि इन श्वानों की इस सुरक्षा तंत्र में क्या और कितनी बड़ी रही होगी.
दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा के जिम्मेदार सीआईएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रघुवीर लाल ने मंगलवार को दिल्ली स्थित शास्त्री पार्क में मेट्रो सीआईएसएफ परिसर में इन नायकों को CRPF से अलविदा करने की रस्मी परेड में सलामी ली और इनको मेडल पहनाया. ये वो सात खोजी कुत्ते हैं जिन्होंने सीआईएसएफ की गाज़ियाबाद स्थित 5 वीं रिज़र्व बटालियन में डॉग ब्रीडिंग ट्रेनिंग सेंटर 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग ली थी. इन्हें अलग अलग तरह के खतरों से निपटने की ट्रेनिंग दी गई थी.
रिटायरर्मेंट पर वरिष्ठ अधिकारियों से सम्मान पाने वाले इन सात श्वानों में हिना, किटी, जैली, लूसी और लवली लेब्रडोर नस्ल की मादा हैं. बाकी दो श्वानों में जर्मन शेफर्ड नस्ल की जेस्सी है और वीर नाम का कोकर स्पैनिएल है. विदाई समारोह के बाद सीआईएसएफ के ये सातों सिपाही दिल्ली के एक एनजीओ फ्रेंडीकोस-सेका (Friendeicoes-SECA ) को सौंप दिए गये जो अब अब इनकी देखभाल करेगा.