बीजापुर में सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच जबरदस्त घमासान

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सीआरपीएफ
एक तरफ सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन नक्सलियों से घमासान में जुटी थी तो दूसरी ओर नक्सलियों ने बीजापुर (छत्तीसगढ) में ही वोटरों को मतदान करने से रोकने के लिए IED प्लांट कर रखी थी लेकिन सीआरपीएफ की 199 बटालियन के बम डिस्पोजल दस्ते ने इस खोज निकाला और नष्ट करके वोटरों के लिए मतदान करने का रास्ता सुरक्षित किया.

भारत के नक्सली हिंसा से ग्रस्त राज्य छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले दौर के मतदान के बीच आज नक्सलियों और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ-CRPF) की कोबरा बटालियन के बीच जबरदस्त घमासान हुआ. बीजापुर के पामेड में तकरीबन तीन घंटे चली इस गोलीबारी में कोबरा बटालियन के एक सहायक कमांडेंट और एक सब इंस्पेक्टर समेत पांच जवान घायल हुए हैं, अंदाजा है कि सीआरपीएफ कमांडो के जवाबी हमले में दर्जन भर के आसपास नक्सलियों को भी गोलियां लगी हैं. इनमें से कितने घायल हुए कितने मारे गये, समाचार लिखे जाने तक इसका पक्का पता नहीं चल सका.

सीआरपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि हमला करने वाले नक्सलियों की तादाद 80 से 90 के बीच तो थी ही वे सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर-SLR), अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (UBGL) और मोर्टार का भी इस्तेमाल कर रहे थे. सीआरपीएफ के घायलों में सहायक कमांडेंट अमित देसवाल, सब इंस्पेक्टर लालचंद, हेड कांस्टेबल सुनील और कांस्टेबल चैतन्य और मोहंती हैं. सब इंस्पेक्टर लालचंद को कंधे में और बाकी सभी को टांग में गोलियां लगी हैं लेकिन सभी ही हालत खतरे से बाहर है, घायल सीआरपीएफ जवानों को इलाज फ़ौरन मुहैया कराने के मकसद से उन्हें ले जाने में हेलीकाप्टर का इस्तेमाल किया गया.

सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (ऑपरेशन्स) संजय अरोड़ा ने रक्षक न्यूज़ डॉट इन को देर रात बताया कि नक्सलियों को हुई क्षति का अभी सही सही पता नहीं चल सका. जिस जगह ये मुठभेड़ हुई थी वह जंगल का इलाका है जो एक तरफ पहाड़ से घिरा हुआ है. नक्सलियों की तरफ से गोलीबारी थमने के बाद सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन की ये टुकड़ी लौट आई थी. जिस क्षेत्र में ये घमासान हुआ और जिस तरह के हथियारों से नक्सली लैस थे, उससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है ये सीआरपीएफ की 204 कोबरा बटालियन की इस टुकड़ी पर हमला करने वाला वो गुट है जिसका सरगना सागर नाम का नक्सली है.

असल में चुनाव के मद्देनज़र 204 बटालियन के टू आईसी (2nd in Command ) के नेतृत्व में ये टुकड़ी टिप्पापुरम स्थित कैम्प से जंगल के रास्ते तड़के 3 बजे निकली थी और 12 किलोमीटर का फासला पैदल ही तय करके इसे पामेड पहुंचना था जहां इसे मतदान केंद्र की सुरक्षा में मुस्तैद होना था लेकिन पामेड से 6 किलोमीटर पहले ही मेदीगुदा के वन क्षेत्र में दोपहर 12 बजे इस टुकड़ी का सामना नक्सलियों से हुआ.

पामेड से घायलों को लेकर हेलीकाप्टर तुरंत ही छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर पहुँच गया था जहां उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. सहायक कमांडेंट अमित देसवाल की बायीं जांघ में गोली लगी थी. उन्हें रामकृष्णा अस्पताल में भर्ती किया गया है. उनकी हालत खतरे से बाहर है. सीटी स्कैन और कुछ अन्य जांच चल रही थी. हेड कांस्टेबल सुनील की टांग की हड्डी टूट गई थी. समाचार लिखे जाते समय उनका आपरेशन चल रहा था. वैसे उनकी हालत भी खतरे से बाहर है. कांस्टेबल चैतन्य की बायीं जांघ में गोली लगी है. वह अभी आपरेशन थियेटर में हैं जहां आपरेशन चल रहा है. सब इंस्पेक्टर लालचंद के दाहिने कंधे में गोली लगी है. उनका भी आपरेशन चल रहा था. हालत वैसे उनकी भी खतरे से बाहर है. सीआरपीएफ के घायल कांस्टेबल मोहंती को बायीं जांघ में गोली लगी है. उन्हें रामकृष्ण अस्पताल में फिलहाल आईसीयू में भर्ती किया गया है.