आज केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानि सीआरपीएफ (CRPF) का 80वां स्थापना दिवस है. सीआरपीएफ अपने शानदार अतीत पर गौरवांवित हो रहा है तो शांतिपूर्ण भविष्य का वादा भी कर रहा है. यह वह बल है जो जिसे राष्ट्र में शांति कायम करने के लिए ‘Peacekeepers of the Nation’ कहा जाता है. इस मौके पर देश भर में तमाम आयोजन किये गये. करीब 3.24 लाख कार्मिकों वाली इस फोर्स के उन कार्मिकों को सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने Commendation Disks और सर्टिफिकेट प्रदान किए जिन्होंने सराहनीय कार्य किए हैं. इसके अलावा यह बल सामाजिक सरोकार में भी अपना दायित्व बखूबी निभा रहा है. रामपुर में सीआरपीएफ ने बल के जवानों के बच्चों के लिये पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें ‘PolytheneMuktBharat’ के तहत आगामी पीढी के लिये भारत को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने का संदेश दिया.
सीआरपीएफ के बारे में
- यह बल ब्रिटिश काल में 27 जुलाई 1939 में सीआरपी यानी क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के नाम से बनाया गया था. इसीलिये इस दिन इसका स्थापना दिवस मनाया जाता है. उस समय सिर्फ एक बटालियन बनाई गई थी.
- दूसरी बटालियन आजादी के ठीक बाद और फिर तीसरी बटालियन 1956 में बनी थी. इसकी जिम्मेदारी आंतरिक सुरक्षा जैसे नक्सलवाद, अलगाववाद, साम्प्रदायिकता, आतंकवाद, अन्य उपद्रवी गतिविधियों से निबटना है.
- आजादी के दो साल बाद 1949 में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस पुलिस फोर्स का नाम बदलकर सेंट्रल रिजर्व पुलिस बल कर दिया. यह फोर्स गृह मंत्रालय के तहत आती है.
- इस समय इस बल की 239 बटालियन तैयार हो चुकी हैं. इसके कमांडो खतरनाक आपरेशनों को अंजाम देने में सक्षम हैं. इसे दुनिया का सबसे बडा अर्धसैनिक बल होने का गौरव प्राप्त है.
- इस फोर्स को अब तक 1682 वीरता पुरस्कार मिल चुके हैं जो कि देश में किसी भी अर्धसैनिक बल को मिले अवार्ड में सबसे ज्यादा है.
- जंगल में लडाई लडने के लिये 10 कोबरा बटालियन जैसी स्पेशल फोर्स भी इस बल के पास हैं.
- इस बल के पास दंगाइयों पर काबू पाने में विशेषज्ञता प्राप्त 15 आरएएफ बटालियन भी है.
- वीआईपी सुरक्षा के लिये 4 बटालियन और एक-एक बटालियन संसदीय ड्यूटी और स्पेशल ड्यूटी में लगी है.
- खास यह कि महिलाओं की 6 बटालियन पुरुष जवानों/सहयोगियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं.
- इस बल के जवानों को 16 अर्जुन अवार्ड भी मिल चुके हैं. अर्जुन अवार्ड देश में खेल के क्षेत्र का प्रतिष्ठित अवार्ड है.
- संसद भवन पर आतंकी हमले में फोर्स के जवानों ने जो वीरता दिखाई थी उसके लिये उन्हें अशोक चक्र प्रदान किया गया था.
- कश्मीर में सीआरपीएफ के जवान जांबाजी से आतंकवाद से लोहा रहे हैं.
- नक्सलियों के खात्मे के लिये यह बल लगातार सक्रिय है. बल के पराक्रम का ही नतीजा है कि अब तक पांच हजार से अधिक नक्सली समर्पण कर चुके हैं जबकि एक हजार के करीब खूंखार नक्सली ढेर किये जा चुके हैं.
- ये सीआरपीएफ ही है जिसने नक्सलियों के एक बडे गढ झारखंड के सारंदा जंगली क्षेत्र को आजाद करा लिया था.
- यह भी उल्लेखनीय है कि 80 के दशक में पंजाब और 90 के दशक में त्रिपुरा से आतंकवाद को खत्म करने वाली यही फोर्स थी.
सीआरपीएफ के नेकदिल और ईमानदार इंस्पेक्टर को मिला DG का Commendation Certificate