अब स्पष्ट हो गया है केनडा की सेना के उप प्रमुख मेजर जनरल पीटर स्कॉट ( major general peter scott ) इस बैठक में हिस्सा लेने आ रहे अपने देश के प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करेंगे . यह इस तरह की 13वीं बैठक है . बैठक में 15 देशों के सेना प्रमुख और 22 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं . हिन्द प्रशांत देशों के सेना प्रमुखों की इस बैठक का मकसद क्षेत्र में शांति , समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलजुलकर रणनीति बनाना है . वर्तमान में इसे चीन की बढ़ती आक्रमकता पर अंकुश लगाने के नजरिये से अहम माना जा रहा है.
हर दो साल बाद होने वाली आईपीएसीसी की बैठक की शुरुआत 1999 में हुई थी जिसमें हिन्द प्रशांत क्षेत्र के देशों के सेना प्रमुख आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करते हैं. हालांकि इस बार इसमें शिरकत करने वाले कई देशों के नुमाइन्दों के नाम की अंतिम सूची की प्रतीक्षा की जा रही है लेकिन बुधवार को केनडा को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई . बैठक की तैयारी के लिए किये गए आयोजन में हिस्सा लेने वाले बिभिन्न देशों के प्रतिनिधियों में केनडा के डिफेन्स अटैची कर्नल टॉड ब्रेथवेट ( col todd braithwaite )भी उपस्थित थे .
इस बीच भारतीय सेना के मेजर जनरल अभिनय राय ने कहा कि इस तनातनी का होने वाली बैठक पर कोई असर नहीं पड़ेगा और केनडा आईपीएसीसी के इस सफ़र का अहम हिस्सेदार है .
उल्लेखनीय है कि केनडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह की बीते दिनों हुई हत्या को लेकर केनडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि इस घटना का भारत सरकार से ताल्लुक है. इसके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर तनाव पैदा हो गया था. केनडा के पीएम ने यह भी कहा था कि उनके देश के नागरिक बेहद ज़रूरी होने पर ही भारत की यात्रा करें क्योंकि वहां कई क्षेत्रों में हिंसक गतिविधोयों के कारण सुरक्षित माहौल की कमी है .
इसके साथ ही जस्टिन ट्रूडो सरकार ने भारतीय राजनयिक को निकाला . इसके जवाब में भारत सरकार ने वैसी ही कार्रवाई यहां दिल्ली में केनडा के राजनयिक के खिलाफ की . दोनों देशों के बीच ऐसी तना तनी वाले माहौल को देखते हुए लगा रहा था कि शायद केनडा विरोध स्वरूप आईपीएसीसी की बैठक से दूर रहे .