भारत के केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की दुस्साहसिक गतिविधियों में अचानक तेजी आ गई है. शनिवार की रात सेना और पुलिस के साझा ऑपरेशन में पांच सुरक्षाकर्मियों की शहादत की गूंज के 48 घंटों के भीतर दूसरी दुर्भाग्यपूर्ण वारदात भी उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में हुई. यहाँ आतंकवादियों और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ – CRPF) के जवानों के बीच नाके पर गोलीबारी हुई. इसमें सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गये. सीआरपीएफ और आतंकवादियों के बीच फायरिंग के दौरान बीच में 15 साल के एक लड़के की भी जान गई.
सोमवार को ये सब कुपवाड़ा में क्रालगुंद इलाके में वंगम – काज़ियाबाद में सीआरपीएफ नाके पर हुई. आतंकवादियों ने यहाँ जब हमला किया तो सीआरपीएफ के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के तीन जवान कांंस्टेबल अश्वनी कुमार यादव, चंद्रसेकर और संतोष कुमार मिश्रा शहीद हो गये. तीनों सीआरपीएफ की 92 वीं बटालियन में सामान्य ड्यूटी के सिपाही थे. तीनों विवाहित थे और अलग अलग राज्यों से ताल्लुक रखते थे. अश्वनी कुमार यादव की उम्र 31 वर्ष थी और वह उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर के रहने वाले थे. वहीं चंद्रसेकर की उम्र भी 31 वर्ष थी लेकिन वे तमिलनाडु के तिरुनेलवेली के रहने वाले थे जबकि तीसरे सिपाही संतोष कुमार मिश्रा की उम्र 35 वर्ष थी और उनका पैतृक निवास बिहार के औरंगाबाद में है.
सीआरपीएफ के जवानों और आतंकवादियों के बीच जब फायरिंग चल रही थी उसी दौरान वहा 15 साल का लड़का मोहम्मद हाज़िम भट भी आ गया और गोली लगने से उसकी भी जान गई. स्थानीय निवासियों के मुताबिक मोहम्मद हाज़िम दीमागी तौर पर कमज़ोर था. समाचार लिखे जाने तक सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की धरपकड़ के इरादे से इलाके की घेराबंदी की हुई थी.
उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में बंधक बनाकर रखे गये एक परिवार को छुड़वाने के लिए किये गये सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में सेना के कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद , नाइक राकेश कुमार और लांस नाइक दिनेश सिंह और जम्मू कश्मीर पुलिस के सब इन्स्पेक्टर शकील क़ाज़ी की जान गई थी. हालांकि सुरक्षा बलों ने 2 आतंकवादियों को भी मार गिराया था.