कश्मीर में “मानवता के हीरो” बने सीआरपीएफ के इकबाल सिंह, भूखे बच्चे को खिलाया खाना

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इकबाल सिंह
पत्थर का जवाब मानवता और प्यार से देते सीआरपीएफ के इकबाल सिंह

भारतीय सेना (Indian Army) और सीआरपीएफ (CRPF) जैसे अर्धसैनिक बल के जवानों को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और पत्थरबाजों को काबू करने में भयंकर किस्म की दुश्वारियां पेश आती हैं लेकिन इनका संयम गाहे-बगाहे दुनिया के सामने आता रहता है. आप सबने देखा है. कितना जलील किया जाता है इन जवानों को…यह भी दुनिया ने देखा है. लेकिन हमारे जवान वीर, जांबाज और संयमित ही नहीं हैं बल्कि इनकी मानवीय संवेदना भी समय-समय पर दुनिया देखती है. ऐसी ही एक तस्वीर/वीडियो पिछले 24 घंटे से वायरल हो रहा है कि किस तरह सीआरपीएफ का एक जवान रमजान के महीने में भूख से तड़पते एक दिव्यांग बच्चे को भोजन करा रहा है, पानी पिला रहा है. यह वाक्या श्रीनगर के नवकदाल इलाके का है. जवान का नाम इकबाल सिंह है. वह सीआरपीएफ की श्रीनगर सेक्टर में तैनात 49वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल ड्राइवर हैं.

इकबाल सिंह
इकबाल सिंह पूरा वाकया बतते हुए.

आज इकबाल सिंह दुनिया भर में मशहूर हो गये हैं सिर्फ अपने मानवता के धर्म को निभाने भर के कारण. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि आमतौर पर वर्दी का अमानवीय और असंवेदनशील चेहरा ही सामने आता है. इकबाल आज भले ही सबके चहेते हुए हैं लेकिन उनकी संवेदनशीलता और मानवीयता उस समय भी देखी गई थी जब पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने आत्मघाती हमला कर 40 जवानों को शहीद कर दिया था.

इकबाल सिंह उस काफिले के एक वाहन को चला रहे थे. इकबाल ने हमले में सीआरपीएफ के घायल हुए बहुत से जवानों की जान बचाने में अहम भूमिका भी निभाई थी. हालांकि उस समय इकबाल के इस रोल की बहुत चर्चा नहीं हुई थी क्योंकि वह एक बहुत भयंकर हमला था और देश सकते और सदमे में आ गया था. आज इकबाल “मानवता के हीरो” बनकर सामने आये हैं.

अब उस मानवीय संवेदना को देखिये इकबाल की जुबानी… “मैं अपनी बटालियन के साथ श्रीनगर के नवकदाल क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की ड्यूटी पर था. दोपहर में मैं लंच कर रहा था. मैंने एक बच्चे को देखा जो भूखा था. वह खाना खाने के लिए इशारा कर रहा था. मैंने अपना खाना उस बच्चे को दिया लेकिन पाया कि वह दिव्यांग (Paralytic) है और खुद खाना नहीं खा सकता. तब मैंने अपने हाथों से उस बच्चे को खाना खिलाया”. बीच-बीच में वह उसका मुंह भी पोंछते रहे. उसे पानी पिलाया और दोपहर में उस बच्चे को चाय भी पिलाई.

इकबाल के इस मानवीय और निस्वार्थ कार्य से सीआरपीएफ भी गौरवांवित है. सीआरपीएफ के महानिदेशक ने DG’s Disc और Commendation certificate देने का निर्णय किया है. रक्षकन्यूज.इन इकबाल सिंह का अभिनंदन करता है.

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