सीआरपीएफ के डिप्टी कमान्डेंट राहुल माथुर ने बनाई दिलेरी की असली कहानी

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सीआरपीएफ के डिप्टी कमान्डेंट राहुल माथुर.

आतंकवादियों के साथ ख़तरनाक इस मुठभेड़ और सीआरपीएफ के डिप्टी कमान्डेंट राहुल माथुर के साहस की ये कहानी जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के फिरदौसाबाद में गुरूवार की तड़के उस वक्त शुरू हुई जब खबर मिली कि यहाँ के एक मकान में तीन आतंकवादी छिपे हुए हैं. पूरी घाटी अँधेरे और ख़ामोशी के आगोश में थी. इससे पहले कि पौ फटती और आतंकवादियों को दिन में कोई वारदात करने का मौका मिल पाता, सुरक्षा बलों ने फ़ौरन ऑपरेशन करने का प्लान बनाया.

यूँ शुरू हुआ ऑपरेशन :

खबर पुख्ता थी. लिहाज़ा बटमालू के फिरदौसाबाद में इस मकान में छिपे तीन आतंकवादियों को घेरने और गिरफ्त में लेने के लिए सीआरपीएफ की, घाटी में तैनात, त्वरित कार्रवाई दस्ते (QAT – क्यू ए टी) के कमान अधिकारी नरेश यादव के नेतृत्व में, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और जम्मू कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने 3 बजे ही ऑपरेशन लांच कर दिया. इलाके की घेराबंदी और छानबीन के तकरीबन 15 मिनट बाद ही टीम ने उस मकान की निशानदेही कर ली.

आतंकवादी से सामना :

मकान का मेन गेट बंद था. ऐसे में सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट के नेतृत्व में सीआरपीएफ की एक टुकड़ी मकान के पिछवाड़े की दीवार फांद कर अन्दर पहुँच गई. मकान के अंदरूनी हिस्से में कमरों में छिपे आतंकवादियों की तलाश में राहुल माथुर और उनके साथी अपने तौर तरीकों से कार्रवाई कर रहे थे कि अचानक उनका सामना एक आतंकवादी से हुआ. आतंकवादी ने राहुल माथुर पर अपनी बंदूक से गोलियां दाग दीं जो उनको सीने और पेट के आसपास लगी. बुरी तरह घायल और खूनमखून राहुल माथुर ने तब भी हौसला नहीं छोड़ा, उल्टा अपने हथियार से उसी आतंकवादी पर हमला बोल दिया. डिप्टी कमान्डेंट ने अपने हमलावर को वहीं ढेर कर डाला. इस बीच साथियों ने तुरंत घायल राहुल माथुर को वहां से निकाला और श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल पहुँचाया. डिप्टी कमान्डेंट राहुल माथुर की हालत नाज़ुक थी. फ़ौरन उनका ऑपरेशन शुरू किया गया.

अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ करते सीआरपीएफ के डिप्टी कमान्डेंट राहुल माथुर.

एक तरफ राहुल माथुर को बचाने के लिए अस्पताल में डॉक्टरों का ये ऑपरेशन चल रहा था तो दूसरी तरफ फिरदौसाबाद में आतंकवादियों से सुरक्षा बल के जवानों का ऑपरेशन जारी था.

अपने अधिकारी के घायल होने बाद भी सीआरपीएफ के जवान उस ऑपरेशन में पूरे हौसले से जुटे हुए थे. मुठभेड़ के हालात की खबर मिलते ही सुरक्षा बलों के बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुँच गये. कुछ देर के लिए दोनों तरफ़ से फायरिंग रुक गई थी. शायद आतंकवादी भी सुबह का उजाला होने का इंतज़ार कर रहे थे लेकिन इससे पहले कि वो कुछ करते सूर्य की पहली किरण निकलते ही सुरक्षा बलों ने जबरदस्त तलाशी अभियान छेड़ दिया. आतंकवादियों के पास काफी असलाह था जैसेकि जंग की तैयारी कर रखी हो. इस बीच सुरक्षा बलों के लिए एक और चुनौती सामने आ गई.

महिला की मौत :

आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच चल रही क्रॉस फायरिंग में चली एक गोली छिटक कर एक स्थानीय महिला को जा लगी जो पास की बेकरी से सम्भवत: नाश्ते के लिए कुछ खरीदारी करने जा रही थी. महिला की मौत हो गई.

जवानों पर पथराव :

यही नहीं हालात तब और गंभीर हो गए जब मुठभेड़ की खबर फैलते ही लोग जमा हो गये और मुठभेड़ स्थल पर पथराव करने लगे. इस पथराव के दौरान पत्थर लगने से सीआरपीएफ के एक सिपाही को गम्भीर चोटें आई. हालात काबू करने के लिए और फ़ोर्स बुलाई गई. इस बीच आतंकवादियों से मोर्चा भी जारी रहा.

ऑपरेशन कामयाब :

दोनों ऑपरेशन कामयाब हुए. मकान में छिपे दो और आतंकवादी भी मुठभेड़ में मारे गए. डिप्टी कमान्डेंट के बारे में आज मिली ताज़ा जानकारी के मुताबिक़ वह अब पूरे होशो हवास में हैं. कल तक उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था लेकिन अब वेंटिलेटर हटा लिया गया है. उनके स्वास्थ्य में लाभ हो रहा है. डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है.