भारत में हवाई अड्डों से लेकर मेट्रो और कई महत्वपूर्ण उद्योगों, संवेदनशील भवनों व संस्थानों की सुरक्षा में मुस्तैद सीआईएसएफ यानि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (central industrial security force) की महिला कमांडों की चुस्ती फुर्ती के साथ हिम्मत और ताकत के ये नजारे देख कर लगता था मानो एक्शन से भरपूर कोई फिल्म देख रहे हों. एक बार नहीं बार बार सीआईएसएफ के इन कमांडो ने, बल की स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित मुख्य परेड समारोह के दौरान मैदान में ऐसे – ऐसे कारनामे दिखाए जो लोगों को बिना पलक झपकाए एकटक देखने को मजबूर कर रहे थे. ड्रिल के दौरान, हाइजैक की गई चलती बस से लेकर चलती ट्रेन में घुसकर आतंकवादियों और अपराधियों से निपटने का कौशल दिखाती इन लड़कियों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण का एक शानदार नमूना भी पेश किया.
1969 में 10 मार्च को स्थापित सीआईएसएफ का स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम पहले ही मना लिया गया. सम्भवतः हाल ही में भारत में पांच विधानसभाओं के लिए हुए मतदान की 10 मार्च को होने वाली गिनती के मद्देनजर ऐसा किया गया होगा. इस दिन पुलिस बलों के साथ नेताओं का भी व्यस्त रहना स्वाभाविक है. देश की राजधानी दिल्ली में इस अवसर पर समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस मौके पर मुख्य अतिथि की हैसियत से आये. उन्होंने सीआईएसएफ की शानदार परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली. भारत की अर्थव्यवस्था में अप्रत्यक्ष योगदान के लिए श्री शाह ने सीआईएसएफ की तारीफ़ की.
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “भारतीय अर्थतंत्र को 2.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने और देश के औद्योगिक विकास की यात्रा में सीआईएसएफ (CISF) ने एक मौन कर्मयोगी की तरह अपना योगदान दिया है. विकास की यह यात्रा सीआईएसएफ के बिना संभव नहीं हो सकती थी.”
श्री शाह ने कहा कि विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और बेहतरीन तकनीकों को अपनाकर सीआईएसएफ ने नयी चुनौतियों के मुताबिक़ खुद को बहुत अच्छे से तैयार किया है, जिसके लिए ये बल अत्यंत प्रशंसा का पात्र है.