सिर्फ 3 बटालियन से शुरू हुआ CISF आज कमाल का पुलिस संगठन बन गया है

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केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का 51वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया.

भारत की संसद में कानून पास करने के बाद, सिर्फ 2800 कार्मिकों की तादाद से वजूद में आये केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसफ CISF) के 50 साल के सफर में ना सिर्फ तादाद बढी बल्कि रूप रंग और जिम्मेदारियों में भी उसी हिसाब से इज़ाफा हुआ है. बड़ी बड़ी सरकारी परियोजनाओं, कारखानों, संवेदनशील संस्थानों से लेकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और मेट्रो ट्रेन सेवा तक की सुरक्षा करने वाला ये बल वीआईपी सुरक्षा के साथ साथ कमाडो ऑपरेशंस भी कर सकता है और स्थानीय पुलिस को कानून व्यवस्था के हालात कायम रखने में मदद भी कर सकता है.

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान मेट्रो की सुरक्षा में.

अग्निशमन में भी महारत हासिल कर चुका, भारत का यह केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस संगठन निजी क्षेत्र को भी तरह तरह से अपनी सेवायें दे रहा है. 10 मार्च 1969 को वजूद में आया CISF, दरअसल 15 जून 1983 को पास किये गये कानून के बाद सशस्त्र बल बन सका था. उस जमाने में मात्र 3 बटालियन वाले सीआईएसएफ में अब कार्मिकों की संख्या 1 लाख 62 हज़ार का आंकड़ा पार कर गई है. इतना ही नहीं ये तमाम केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस संगठनों में सबसे ज्यादा महिलाओं वाला बल भी है. CISF को उसके 51वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है.

कुल मिलाकर कहा जाए कि ये अब गृह मंत्रालय के अधीन सिर्फ पुलिस बल ही नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सम्पत्तियों का रखवाला भी बन गया है तो ग़लत नहीं होगा. 349 इकाइयों को सुरक्षा कवच मुहैया कराने के साथ ये 103 संस्थानों के परिसरों को आग से बचाने के लिए सुरक्षा कवर भी देता है. सम्भवत: सीआईएसएफ ही लगातार आम लोगों के बीच रहकर सबसे ज्यादा काम करने वाला केन्द्रीय सशस्त्र बल है.