वैसाखी के अवसर पर दो दिन के दौरे पर पंजाब पहुंचे भारत के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने गुरु की नगरी अमृतसर में ख़ास प्रवास किया. जस्टिस रमन्ना के साथ उनकी पत्नी और परिवार के सदस्य भी आए. रमन्ना परिवार ने दरबार साहिब में मत्था टेका, जलियांवाला वाला बाग़ में शहीदों के श्रद्धांजलि अर्पित की और अटारी – वाघा बॉर्डर पर भी पहुंच सीमा प्रहरियों की शानदार परेड भी देखी. वे भारत – पाकिस्तान के बीच जीरो प्वाइंट पर भी गए. यहां इस तरह आने वाले जस्टिस रमन्ना भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश हैं.
गुरु की नगरी अमृतसर पहुंचने पर चीफ जस्टिस रमन्ना का स्वागत पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किया. श्री मान ने उनको स्वर्ण मंदिर की कृति भेंट की. शिरोमणि गुरुद्वारा मैनेजमेंट और सिख संगत की तरफ से उनको सिरोपा भेंट किया गया. यहां पर उन्होंने तकरीबन एक घंटा बिताया. इस कारण यहां सुरक्षा के भी ख़ास बन्दोबस्त किये गए थे. वहां आये पत्रकारों से बात करते वक्त जस्टिस रमन्ना ने कहा कि दरबार साहब आकर मत्था टेकने की उनकी काफी पुरानी इच्छा आज पूरी हुई है.
जलियांवाला बाग़ में 13 अप्रैल 1919 को हुए नरसंहार के शहीदों को, श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने वहां बने संग्रहालय में काफी वक्त बिताया. इससे पहले वे सुबह अटारी – वाघा बॉर्डर पहुंचे. उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की परेड देखी और अधिकारियों से मिले. इस अवसर पर बीएसएफ की तरफ से विशेष कार्यक्रम किया गया था. जस्टिस रमन्ना ने बीएसएफ के जवानों की हौसला अफज़ाई की. बीएसएफ की तरफ से उनको बल की कैप पहना कर और गुलदस्ता भेट करके के स्वागत किया गया.