सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाये गये कदम के तहत भारत सरकार ने तमाम केन्द्रीय सशस्त्र बलों (CAPF) को समूह ‘ए’ (OGAS -ओजीएएस) का दर्जा देने का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इससे सम्बन्धित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इससे इन बलों के कैडर के अधिकारियों को वित्तीय लाभ के साथ साथ प्रशासनिक शक्तियां भी बढेंगी.
सरकार की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक इस फैसले से समूह ‘ए’ के 12 हज़ार कार्यकारी अधिकारियों के साथ साथ 10 लाख कर्मियों को फायदा होगा. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इसी बारे में फरवरी 2019 में दिए गये फैसले के मुताबिक निर्णय लिया है.
अब केन्द्रीय सशस्त्र बलों (CAPF) के अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस IPS), भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस-IAS), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस – IRS) के अधिकारियों की तरह गैर-कार्यात्मक वित्तीय उन्नयन (एनएफएफयू – NFFU) और गैर-कार्यात्मिक चयन ग्रेड (एनएफएसजी- NFSG) जैसे लाभ मिल सकेंगे. इसके लिए 30 प्रतिशत वाला फार्मूला ही लागू किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) लम्बे अरसे से ये मांग करते आ रहे हैं और जब भी ये मामला अदालत में पहुंचा है तो सरकार विभिन्न अदालतों में इसका विरोध ही करती आई है. अब जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने निर्देश दिए तो सरकार ने इसके पक्ष में फैसला लिया है.
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “इस मंजूरी से लाभान्वित होने वाले अधिकारियों की प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि होगी और वे बेहतर परिणाम दे पाएंगे. केंद्रीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों में प्रेरणा का स्तेर ऊंचा उठेगा. इस फैसले से देश की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारी बेहतर सेवा मुहैया करायेंगे और इससे देश का चौतरफा विकास होगा”.