भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा प्रबंधन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर बनाये गये कार्यबल (टास्क फ़ोर्स) की रिपोर्ट मंजूर कर ली है. सीमा प्रबंधन के सुधार में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए क्षेत्रों की निशानदेही करने के मकसद से कार्यबल का गठन किया गया था जिसका नेतृत्व संयुक्त सचिव (सीमा प्रबंधन) ने किया और उसके सदस्यों में सीमा प्रहरी बलों, अंतरिक्ष विभाग तथा सीमा प्रबंधन प्रभाग के प्रतिनिधि शामिल थे.
गृह मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल, इसरो, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और रक्षा मंत्रालय सहित सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है उनमें द्वीप विकास, सीमा सुरक्षा, संचार और नौवहन, आईएस और संचालन आयोजना प्रणाली सीमा संरचना विकास विशेष हैं.
परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालीन योजना का प्रस्ताव किया गया है, जिसे पांच साल में पूरा किया जाएगा. इसके लिए इसरो और रक्षा मंत्रालय के साथ नजदीकी सहयोग किया जाएगा. सीमा प्रहरी बलों की क्षमता बढ़ाने के लिए रिपोर्ट में कई सुझाव दिए गए हैं. लघु कालीन आवश्यकताओं के तहत सीमा प्रहरी बलों के लिए हाई रिजॉल्यूशन इमेजरी और संचार के लिए बैंडविडथ का प्रबंध किया जाएगा. मध्यम अवधि की आवश्यकता के मद्देनजर इसरो एक उपग्रह लांच कर रहा है जिसका इस्तेमाल सिर्फ गृह मंत्रालय करेगा.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि दीर्घकालीन अवधि के तहत गृह मंत्रालय नेटवर्क अवसंरचना विकसित करेगा ताकि और एजेंसियां उपग्रह संसाधनों को साझा कर सकें. दूरदराज के इलाकों में तैनात केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को उपग्रह संचार की सुविधा दी जाएगी.