भारत के संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ताल ठोककर वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवारी का ऐलान करने वाले सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव का नामांकन रद कर दिया गया है. पहले निर्दलीय और फिर बहुजन समाज पार्टी-समाजवादी पार्टी के साझा उम्मीदवार बने तेज बहादुर ने इसे सरकारी तानाशाही कहा है और ऐलान किया है कि वह इस मामले पर देश की सबसे ऊँची अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे.
सीमाओं पर तैनात सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को सप्लाई किए जाने वाले खाने के घटिया होने और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने की वजह से सुर्ख़ियों में आये हरियाणा के रेवाड़ी निवासी तेज बहादुर सोशल मिडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद रातों रात हीरो बन गये थे. उनके आरोपों और इस पूरे प्रकरण की जांच करने के बाद तेज बहादुर यादव को बर्खास्त कर दिया गया था.
‘व्हिसल ब्लोअर’ वाली छवि बना लेने वाले तेज बहादुर यादव की जहां वाहवाही करने वालों की तादाद अच्छी खासी है, वहीं बहुत से अधिकारियों और सत्तासीन नेताओं के लिए आंखों की किरकिरी भी हैं.
तेज बहादुर यादव ने 24 अप्रैल को वाराणसी से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा था. उनका कहना है कि तब निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने उन्हें ऐसा कोई दस्तावेज़ जमा करने को नहीं कहा, जिससे उनकी सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्तगी का कारण स्पष्ट होता हो, लेकिन जब 29 अप्रैल को उन्होंने बतौर समाजवादी पार्टी उम्मीदवार पर्चा दाखिल किया तो उनसे अगले ही दिन नोटिस जारी करके वो दस्तावेज़ लाने को कहा गया.
तेज बहादुर को मिले नोटिस में उन्हें ज़िला निर्वाचन अधिकारी के सामने 1 मई 2109, यानी 90 साल बाद उपस्थित होने को कहा गया. इसके बाद दूसरा नोटिस जारी किया गया जिसमें पहले नोटिस में बताई गई तारीख़ को ‘क्लेरिकल मिस्टेक’ बताया गया और तेज बहादुर को 1 मई, 2019 को सुबह 11 बजे तक सीमा सुरक्षा बल (BSF) से चिठ्ठी लाकर जमा करने को कहा गया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से सांसद हैं और इस बार भी यहीं से चुनाव लड़ रहे हैं. नरेन्द्र मोदी ने 26 अप्रैल को यहाँ से पर्चा भरा था. समाजवादी पार्टी ने पहले शालिनी यादव को और बाद में तेज बहादुर को यहाँ से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. अब तेज बहादुर का परचा रद होने की स्थिति में शालिनी यादव फिर से समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार होंगी.