भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर शालिजा धामी देश की पहली फ्लाइट कमांडर बनी हैं. इस तरह भारतीय वायुसेना में नेतृत्व के इस शुरूआती पायदान पर पहुंचने वाली शालिजा धामी पहली महिला अधिकारी तो बनी ही साथ ही आने वाले इतिहास का हिस्सा भी बन गई हैं. शालिजा धामी ने दिल्ली के पास उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में हिंडन एयर बेस में चेतक हेलिकाप्टर यूनिट का पदभार सम्भाला है.
फ़्लाइंग यूनिट के प्रभार को सम्भालने वाली पहली महिला अधिकारी विंग कमांडर शालिजा धामी पंजाब के लुधियाना की रहने वाली हैं. शालिजा शादीशुदा हैं और नौ साल के बच्चे की मां हैं. बचपन से ही पायलट बनने की शौकीन शालिजा धामी 15 साल पहले भारतीय वायुसेना में भर्ती हुई थी और हेलिकॉप्टर में जबरदस्त उड़ान भरती हैं. शालिजा भारतीय वायुसेना के चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों के लिए पहली महिला फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी हैं. उन्हें 2300 घंटे उड़ान भरने का तजुर्बा है.
भारतीय वायुसेना में स्थाई कमीशन के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में लड़ी गई लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद पक्ष में आये फैसले का ही प्रभाव है जो शालिजा को इस मुकाम पर लाने का जरिया बना. इस फैसले से ही महिला अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों के बराबर स्थाई कमीशन देने पर विचार का हक़ मिला. यूँ तो भारतीय वायुसेना में 1994 में महिलाओं की तैनाती शुरू हुई लेकिन उन्हें गैर लड़ाकू (नॉन कॉम्बैट) भूमिका में ही तैनाती दी गई. बाद में उन्हें इस फ़ोर्स में कॉम्बैट भूमिका में तैनाती के मौके मिलने शुरू हुए.