पाकिस्तान के F-16 फाइटर प्लेन को मार गिराने वाले भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान (Wing Commander Abhinandan Varthaman) के लिए आज का दिन बेहद यादगार रहा. आज उन्होंने 6 महीने बाद पठानकोट एयरबेस से उसी मिग-21 से परवाज भरी जिससे उन्होंने पाकिस्तान के F-16 को उड़ा दिया था. खास बात यह भी है कि इस वापसी उड़ान में उनका साथ वायुसेना के चीफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ (Air Chief Marshal BS Dhanoa) ने दिया. गौरतलब है कि अभिनंदन को उनकी वीरता के लिए अभी स्वतंत्रता दिवस पर वीर चक्र प्रदान किया गया है.
विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 टाइप 69 के ट्रेनर प्लेन से आसमान में वापसी की. अभिनंदन की हौसला आफजाई के लिए एयर चीफ मार्शल धनोआ भी साथ में थे. धनोआ मिग-21 के पायलट रहे हैं और करगिल युद्ध के दौरान वायुसेना प्रमुख ने 17 स्क्वाड्रन की कमान संभालते हुए यह प्लेन उड़ाया था.
छोटी सी सैर पूरी करने के बाद एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा, “फाइटर जेट पर ये मेरी अंतिम सैर है. हम दोनों में एक चीज समान है-पहली यह कि हम दोनों ने इजेक्ट (Eject) किया और दूसरी यह कि हम दोनों ने पाकिस्तानियों से लड़ाई लड़ी. मैं करगिल में लड़ा और उसने बालाकोट के बाद लड़ाई लड़ी. …और तीसरा यह कि मैं उसके (अभिनंदन के) पिता के साथ उड़ान भर चुका हूँ. यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि भारतीय वायुसेना में फाइटर प्लेन में मैंने उनके बेटे के साथ अपनी अंतिम सैर की.” अभिनंदन के पिता भारतीय वायुसेना से रिटायर एयर मार्शल सिम्हाकुट्टी वर्तमान (Simhakutty Varthaman) हैं.
अब थोड़ा पीछे चलते हैं….26 फरवरी 2019 तो हर देशवासी को याद होगी. वो दिन भारत के लिए ऐतिहासिक दिन था. भारत ने 14 फरवरी के पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेते हुए बालाकोट में जबरदस्त एयर स्ट्राइक की थी और 27 फरवरी को भारतीय सीमा में घुस आए पाकिस्तानी के फाइटर विमानों का पीछा करते हुए मिग-21 बाइसन (Mig-21 Bison) में सवार भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान LoC पार कर गए और उन्होंने पाकिस्तानी फाइटर प्लेन F-16 को मार गिराया था. इसके बाद उनका प्लेन भी क्रैश कर गया लेकिन अभिनंदन ने खुद को विमान से इजेक्ट कर लिया, नतीजतन वह पैराशूट के जरिए नीचे उतरे लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चले गए और उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
अभिनंदन ने उस दौरान जिस साहस का परिचय दिया वह अविस्मरणीय है. और उसके बाद जो हुआ वह तो गजब था. महज 60 घंटे के भीतर पाकिस्तान को अभिनंदन को भारत को सौंपना पड़ा था.