ट्रैफिक कंट्रोल करते वीर चक्र विजेता करगिल हीरो की तस्वीर वायरल, अब बना सिपाही से एएसआई

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वायरल फोटो : ट्रैफिक कंट्रोल करते करगिल युद्ध के हीरो वीर चक्र से सम्मानित सतपाल सिंह.

पंजाब के संगरूर जिले में ट्रैफिक पुलिस के सिपाही के तौर पर चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल करते करगिल युद्ध के हीरो वीर चक्र से सम्मानित सतपाल सिंह की तस्वीरें मीडिया में आने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें बारी से पहले दो तरक्की देते हुए सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई-ASI) बनाने का ऐलान किया है. सेना से रिटायर होने के बाद सतपाल सिंह 2010 में पंजाब पुलिस में भर्ती हुए थे. 20 साल पहले खतरनाक पहाड़ियों पर युद्ध लड़ते हए टाइगर हिल को दुश्मन से खाली करवाकर अपना कब्जा वापस लेने में भारतीय सेना को जिन जांबाजों ने कामयाबी दिलाई, सतपाल सिंह उनमें से एक हैं. सतपाल सिंह फिलहाल संगरूर के भवानीगढ़ में तैनात हैं.

द्रास सेक्टर में तैनात सतपाल सिंह ऑपरेशन विजय का हिस्सा थे. सतपाल सिंह ने आमने सामने के युद्ध में पाकिस्तान के एक बहादुर सैनिक अधिकारी कैप्टन कर्नल शेर खान और अन्य तीन को मार डाला था. सतपाल सिंह की बहादुरी और हौसले का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस कैप्टन कर्नल शेर खान को उन्होंने मौत के घाट उतारा उसने भी जबरदस्त संघर्ष के दौरान तगड़ा जवाब दिया था. पाकिस्तान सेना की नॉर्दर्न लाइट इन्फेंटरी में तैनात कैप्टन कर्नल शेर खान की बहादुरी की बात एक भारतीय अधिकारी ने ही बताई थी. इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने कैप्टन कर्नल शेर खान को (मरणोपरांत) पाकिस्तान में वीरता का सबसे बड़ा सम्मान ‘निशान ए हैदर’ दिया था.

खुद भारतीय सेना में अधिकारी रहे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सतपाल सिंह के केस को बड़ी गंभीरता से लिया लेकिन इस पर राजनीतिक फायदा लेने के लिए बयानबाजी करने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि जिस वक्त सतपाल सिंह पंजाब पुलिस में भर्ती हुए तब राज्य में अकाली दल-बीजेपी गठबंधन वाली सरकार थी. सतपाल सिंह को भर्ती करते वक्त तब उनके करगिल युद्ध में योगदान और वीरता चक्र के सम्मान पर विचार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सतपाल सिंह का उचित मान ना करना अकाली सरकार की नाकामी थी.

अब, मुख्यमंत्री के पुलिस महानिदेशक को दिए गये अधिकार के मुताबिक, सतपाल सिंह को पंजाब पुलिस रूल्स के नियम 12 .3 में छूट देते हुए एएसआई बनाया गया है. इसके लिए उन्हें एएसआई के पद पर भर्ती के लिए तय आयु सीमा में छूट दी गई है. हालांकि इसके लिए मंत्रीपरिषद की अनुमति भी ली जायेगी.