भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल संजय भल्ला ने शुक्रवार को चीफ़ ऑफ पर्सनल का कार्यभार ग्रहण कर लिया. संजय भल्ला ने 1 जनवरी 1989 को भारतीय नौसेना में नियुक्ति हासिल की थी. संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में विशेषज्ञता रखने वाले संजय भल्ला ने 35 साल के अभी तक के अपने करियर में, जल और तट दोनों पर कई विशेषज्ञ, कर्मचारी और परिचालन ओहदों पर काम किया है .
वाइस एडमिरल संजय भल्ला ने कई सीमावर्ती युद्धपोतों पर एक विशेषज्ञ के रूप में काम किया. बाद में उन्हें समुद्र में चुनौतीपूर्ण, पूर्णकालिक और घटनापूर्ण कमान संभालने का मौका मिला, जिसमें आईएनएस निशंक, आईएनएस तारागिरी, आईएनएस ब्यास और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट (एफओसीईएफ) की प्रतिष्ठित नियुक्ति शामिल है.एफओसीईएफ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, वह प्रतिष्ठित राष्ट्रपति के बेड़े की समीक्षा (पीएफआर- 22) और भारतीय नौसेना के प्रमुख बहुराष्ट्रीय अभ्यास मिलन-22, जिसमें मित्र विदेशी देशों की अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई थी के समुद्री चरण के लिए सामरिक कमान में अधिकारी थे. तट पर, उन्होंने नौसेना मुख्यालय में सहायक कार्मिक प्रमुख (मानव संसाधन विकास) सहित महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर काम किया है. संजय भल्ला ने नौसेना अकादमी में अधिकारियों के प्रशिक्षण का नेतृत्व किया और विदेशों में राजनयिक कार्यभार भी संभाला. सीओपी के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, वह पश्चिमी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ थे और उन्होंने ऑपरेशन संकल्प जैसे ऑपरेशन और सिंधुदुर्ग में नेवी डे ऑपरेशन डेमो 2023 जैसे कार्यक्रमों का निरीक्षण किया था.
संजय भल्ला रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज, लंदन, नेवल वॉर कॉलेज और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन; के छात्र रहे हैं . संजय भल्ला की शैक्षिक उपलब्धियों में एम फिल (रक्षा और रणनीतिक अध्ययन), किंग्स कॉलेज, लंदन से अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक अध्ययन में स्नातकोत्तर, मद्रास विश्वविद्यालय से एमएससी (रक्षा और रणनीतिक अध्ययन) और सीयूएसएटी से एमएससी (दूरसंचार) शामिल है.
नौसैनिक अधिकारी संजय भल्ला को विशिष्ट सेवा के लिए नौसेना स्टाफ के प्रमुख और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा अति विशिष्ट सेवा पदक, नाव सेना पदक और प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है.