भारत के पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के राज्यपाल बनाये गये भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने आज नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारे पर शीश नवाकर गुरु का आशीष प्राप्त किया और आभार प्रकट किया. उन्होंने खुद को राज्यपाल बनाये जाने को हरेक सिख का मान बढ़ाने वाला कदम बताया है.
अपने एक ट्वीटर संदेश में सेना के इस पूर्व जनरल ने लिखा है, “गुरुद्वारा साहिब नानकमत्ता पहुंच कर मत्था टेका एवं प्रदेश की खुशहाली के लिए अरदास की. सच्चे पातशाह वाहेगुरु गुरु नानक देव जी से प्रार्थना की और आभार प्रकट किया कि मुझे जो सम्मान मिला है वह सिख समुदाय के हर व्यक्ति का मान और सम्मान है”. ट्वीट संदेश में उन्होंने राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तराखंड में उनसे कुछ ही दिन पहले मुख्यमंत्री बनाये गए पुष्कर धामी को टैग किया है.
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर ज़िले में ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब सिखों के प्रथम गुरुनानक देव की तपस्थली है. गुरु नानक देव अपने चेलों भाई मरदाना के साथ तीसरी उदासी में यहां आए थे.
1508 ईस्वी से पहले यह क्षेत्र गोरखमत्ता के नाम से जाना जाता था और यहां गोरखनाथ के भक्त रहा करते थे. उस वक्त तक यह जगह सिद्धों का भी निवास स्थान मानी जाती थी. इसे इसलिए सिद्धमत्ता भी कहा जाता था. गुरु गुरुनानक देव जब सन् 1515 में करतारपुर से कैलाश पर्वत की यात्रा करने निकले तब आए थे.