पाकिस्तान और चीन से निपटने को श्रीनगर में मिग- 29 से लैस ट्राइडेंट्स स्क्वाड्रन तैनात

98
भारतीय वायु सेना का मिग 29 ( फाइल फोटो - IAF)

भारतीय वायु सेना ने ‘उड़ता ताबूत ‘ के विश्लेष्ण वाले लड़ाकू विमान मिग -21 की  स्क्वाड्रन  के स्थान पर अब श्रीनगर एयर बेस पर उन्नत नस्ल वाले मिग -29  लड़ाकू की स्क्वाड्रन तैनात की है . जम्मू कश्मीर की राजधानी  श्रीनगर में स्थापित  यह स्क्वाड्रन दोनों ही मोर्चों यानि  पाकिस्तान और चीन  से पैदा होने वाले खतरे से निपट सकती है . यह ट्राइडेंट्स  स्क्वाड्रन ( tridents squadron ) है जिसे ‘ उत्तर के प्रहरी ‘ ( defenders of the north ) भी कहा जाता है.

भारतीय वायु सेना की 223 वीं स्क्वाड्रन ही ट्राइडेंट्स  स्क्वाड्रन है जो 10 मई 1982 को स्थापित की गई थी. भारतीय वायु सेना की यह पहली स्क्वाड्रन है जो  मिग -23 से लैस की गई थी और सबसे ऊँचे हवाई अड्डों में से एक लेह अड्डे से ऑपरेट होती थी . अस्सी के दशक के अंत में लड़ाकू मिग -23 को वायु सेना के बेड़े से जब निकाला जान शुरू किया गया तब यहाँ उनकी जगह मिग -29  ने लेनी शुरू की. कुछ अरसे के बाद जब 1990 में  इस स्क्वाड्रन ने पूरी तरह मिग -29   उड़ाने शुरू किए तब विमान के मुताबिक़  स्क्वाड्रन का नाम द  स्विंग विंग ( the swing wing interceptors) से बदल कर ट्राइडेंट्स ( हिंदी में त्रिशूल ) रख दिया गया . भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में त्रिशूल  उन्हीं शिव का शस्त्र है जो विध्वंसकारी शक्तियों के लिए माने जाते  हैं .

दरअसल श्रीनगर कश्मीर घाटी में बीचों बीच ऐसा स्थान है जो मैदानी इलाकों के ऊपर विमान तैनात करने के सामरिक हिसाब से बेहतर है. भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी का कहना है कि काफी  लम्बी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल से लैस होने के कारण यहां से मिग 29 को उड़ाकर  दोनों ही देशों की सीमाओं से पैदा होने वाले खतरे से निपटने में बहुत कम वक्त लगेगा. मिग 21 की बनिस्बत मिग – 29 के ज्यादा फायदे हैं. हवा से हवा में मार  करने के अलावा मिग – 29 आसमान से ज़मीन पर भी निशाना दाग सकता है. आपात स्थिति में इसे और भी खतरनाक हथियार से लैस करके उनको इस्तेमाल करने की सरकार ने इजाजत दी है . यह अपनी रेंज में आए दुश्मन के  विमान को जाम करने की क्षमता भी रखता है .

यही नहीं मिग -29 के  उन्नत संस्करण को उड़ान के दौरान ही ईंधन की सप्लाई की जा सकती है और यह विशेषता किसी भी विमान की उड़ान क्षमता बढ़ा देती है. वहीं इसे नाइट विजन गोगल्स ( night vision goggles ) की सहायता से रात को भी ऑपरेट किया जा सकता है .

भारतीय वायु सेना का मिग 29 ( फाइल फोटो – IAF)

मिग – 21 का ताज़ा कारनामा :
वैसे 2019 में  भारत के पाकिस्तान के  बालाकोट में आतंकवादी अड्डे पर हमले के बाद हुए घटनाक्रम में पाकिस्तान वायु सेना के अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ -16 को भारतीय वायु सेना के मिग – 21 ( MIG -21 Bison )  ने ही धराशायी किया था. आसमान में उड़ान के दौरान ये कारनामा  मिग बायसन उड़ा रहे पायलट  कैप्टन अभिनन्दन वर्धमान ने किया था. हालाँकि इसी घटनाक्रम में उनका विमान भी क्षतिग्रस्त हुआ और जब पायलट अभिनन्दन खुद को इजेक्ट करके पैराशूट की  मदद से ज़मीन पर पहुचे तो वह पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगह थी. गिरफ्तार पायलट अभिनन्दन वर्धमान को बाद में पाकिस्तान को विभिन्न प्रकार के दबाव के कारण छोड़ना पड़ा था. कैप्टन अभिनंदन वर्धमान को इस बहादुरी के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था.