भारत की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में शुक्रवार से शुरू हुई इंडिया इंटरनेशनल सिक्योरिटी एक्सपो (22nd India International Security Expo) में बड़ी संख्या में सुरक्षा उत्पाद बनाने वाली घरेलू और विदेशी कम्पनियां हिस्सा ले रही हैं. इस अवसर पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र की और अधिक सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग को वर्ष 2025 तक 26 अरब डॉलर के व्यापार का लक्ष्य हासिल करना है.
इस प्रदर्शनी का ये 22 वां संस्करण है जिसका आयोजन 3 से 5 अक्टूबर तक किया जा रहा है. भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (India Trade Promotion Organisation-इटपो) द्वारा पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME – एमएसएमई) मंत्रालय और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO-डीआरडीओ) इत्यादि के सहयोग से किया जा रहा है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य एक ऐसा विश्वस्तरीय घरेलू रक्षा उद्योग बनाना है जो आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ आयात पर कम निर्भर हो.’उन्होंने रक्षा उद्योग को आश्वासन दिया कि सरकार नये विचारों का स्वागत करती है और निजी क्षेत्र की उद्यमिता भावना एवं ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘एक मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में सरकार विभिन्न मुद्दों एवं समस्याओं पर भी स्पष्ट चर्चा करने के लिए तैयार है.’ श्री सिंह ने 5 से 8 फरवरी के दौरान लखनऊ में आयोजित किये जाने वाले डेफएक्सपो 2020 (DefExpo 2020) में शामिल होने के लिए देशी-विदेशी रक्षा निर्माताओं को न्यौता दिया.
उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा उद्योग कॉरिडोर का उल्लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचागत सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि ये कॉरिडोर या गलियारे न सिर्फ क्षेत्रीय उद्योग को प्रोत्साहित करेंगे बल्कि रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक पूर्ण-नियोजित एवं सुदृढ़ औद्योगिक आधार भी विकसित करेंगे.