भाई से प्रेरणा :
अलवर के जोजोर बास गांव में रहने वाले इस परिवार के इन दोनों ही बेटों में सैनिक बनने का जज्बा शुरू से ही कूट कूट कर भरा हुआ था . विनीत भले ही राष्ट्रीय रक्षा अकादमी ( national defence academy ) की दाखिला परीक्षा पास न कर पाया लेकिन सेना की वर्दी फिर भी धारण की. विनीत वर्तमान में भारतीय सेना में नायक ( naik ) है . वहीँ , विनीत छोटे भाई गौरव के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शक ज़रूर बना. गौरव यादव अब गोरखा राइफल्स रेजीमेंट की 1 /11 यूनिट का हिस्सा होगा.
एक नंबर का जुनूनी :
372 कैडेट्स में से खुद को बेहतरीन साबित करने जैसे उपलब्धि हासिल करने वाले गौरव यादव ( gaurav yadav) में जूनून भी ज़बरदस्त है . सेना में अधिकारी बनने के सपने को आखरी मौके तक पूरा करने के लिए गौरव ने , भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी ) में जाने का मौका छोड़ने का जोखिम तक उठाया. गौरव ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी लेकिन उसने परिवार को इस सफलता के बारे में नहीं बताया. बल्कि कहा कि वह इसमें फेल हो गया है लिहाज़ा दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में दाखिला ले लिया. साथ ही सेना में जाने के लिए परीक्षा की तैयारी करते रहा . इस तैयारी में बड़े भाई विनीत कुमार ने समय समय पर गाइड करके गौरव की मदद की. गौरव पर सेना में जाने का जुनून इस कदर हावी था कि एनडीए परीक्षा पास होने पर ही उसने आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम ( iit entrance exam ) के नतीजे का खुलासा किया था.
आईएमए का 143 कोर्स :
भारतीय सैन्य अकादमी के 143 वें कोर्स ( ima 143 course ) में 12 मित्र देशों के 29 कैडेट्स समेत कुल 372 जेंटलमैन कैडेट अपने-अपने देशों की सेनाओं में अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के लिए पास हुए. उन्होंने पासिंग आउट परेड में शानदार और [प्रभावशाली प्रदर्शन किया. श्रीलंका के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शावेंद्रा सिल्वा इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे.
पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए, जनरल शावेंद्रा सिल्वा ने कैडेट्स को कठोर प्रशिक्षण के सफल समापन पर बधाई दी और उनके सभी भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं.जनरल सिल्वा ने कहा कि शानदार परेड उनके उच्च स्तर के प्रशिक्षण को दर्शाती है और उन्हें विश्वास है कि पासिंग आउट होने वाले जेंटलमैन कैडेट प्रतिबद्धता, निष्ठा और वीरता के साथ अपनी मातृभूमि की सेवा करेंगे.
प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर ( sword of honour ) और स्वर्ण पदक ( gold medal ) जहां बटालियन अंडर ऑफिसर गौरव यादव को प्रदान किया गया वहीँ रजत पदक बटालियन अंडर ऑफिसर सौरभ बधानी को और कांस्य पदक बटालियन अंडर ऑफिसर आलोक सिंह को मिला. इसके साथ ही शनिवार को भारत के सेना को 343 नए अधिकारी मिल गए हैं.
देश विदेश में कहां कहां के कितने कैडेट्स :
इस कोर्स में 12 मित्र देशों के 29 पासिंग आउट कैडेटों में भूटान से नौ, श्रीलंका और मालदीव से चार-चार, मॉरीशस से तीन, नेपाल से दो और बांग्लादेश, किर्गिस्तान, म्यांमार, सूडान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान से एक-एक शामिल हैं. भारतीय राज्यों में देखा जाए तो इस पाठ्यक्रम में 68 कैडेटों के साथ उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक था. इसके बाद उत्तराखंड से 42 , राजस्थान से 34, महाराष्ट्र से 28, बिहार से 27, हरियाणा से 22, पंजाब से 20, हिमाचल प्रदेश से 14 , जम्मू-कश्मीर से 10, केरल से 9, पश्चिम बंगाल से 9, मध्य प्रदेश से 7, झारखंड से 5, ओडिशा से 5, आंध्र प्रदेश से 4, तमिलनाडु से 4, दिल्ली से 2, गुजरात से 2, चंडीगढ़ से 2, अरुणाचल प्रदेश से 1, असम से 1, मणिपुर से 1, मेघालय से 1 और तेलंगाना से भी 1 कैडेट हैं .