यह हैं प्रीति रजक जो भारतीय सेना की पहली महिला सूबेदार बनीं

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प्रीति रजक को सूबेदार के पद की फीट लगाई गई

एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता प्रीति रजक ने भारतीय सेना ( indian army ) के इतिहास में भी अपनी जगह बना ली है . प्रीति भारतीय सेना  की पहली महिला सूबेदार बन गई हैं. अभी तक प्रीति रजक सैन्य पुलिस ( military police ) में हवलदार के पद पर तैनात थीं . खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन व उपलब्धियों को देखते हुए अब प्रीति  रजक को  तरक्की देकर सूबेदार बनाया गया है.

भारतीय सेना ने निशानेबाज़ प्रीति रजक ( preeti rajak ) को  बारी से पहले तरक्की दिए जाने की जानकारी के साथ वह तस्वीर भी आधिकारिक रूप से जारी की है जिसमें वरिष्ठ अधिकारी प्रीति को सूबेदार की रैंक लगा रहे हैं .

निशानेबाज़ प्रीति रजक

सेना के मुताबिक़ खेल में शानदार प्रदर्शन के आधार पर प्रीति रजक को तरक्की दी गई  है. वह 22 दिसंबर 2022 को सैन्य पुलिस कोर ( military police corps )  में एक मेधावी खिलाड़ी के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुईं थीं.

मध्य प्रदेश के मऊ  की रहने वाली सूबेदार प्रीति रजक वर्तमान में ट्रैप महिला स्पर्धा में भारत में 6 वें  स्थान पर हैं और  पेरिस ओलंपिक खेल 2024 ( paris olympics 2024) की तैयारी में आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (एएमयू) में ट्रेनिंग ले रही हैं. यहीं पर उनको सूबेदार की  फीत  लगाए जाने की रस्म ( pipping ceremony ) हुई जिसकी  अध्यक्षता लेफ्टिनेंट जनरल गजेंद्र जोशी  (lt gen gajendra joshi ) ने की.

प्रीति रजक के बार में सेना ने कहा है , ” खेल के क्षेत्र में उनकी प्रेरक यात्रा समर्पण और कड़ी मेहनत का एक उदाहरण है, जिसने देश की कई महत्वाकांक्षी युवा महिलाओं को खेल में उत्कृष्टता के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है.”

21 सितंबर से 1 अक्टूबर, 2023 तक चीन के हांगझू में आयोजित 19वें एशियाई खेलों (asian games 2023 ) के दौरान, प्रीति रजक ने महिला ट्रैप टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता था. उनके असाधारण प्रदर्शन के आधार पर, प्रीति को  पहली बार बारी से पहले प्रोन्नत ( out of turn promotion) किया गया था. वैसे  आमतौर पर, सैनिकों को 18-20 साल में अपने प्रमोशन कैडर और जूनियर लीडर्स की क्वालीफाइंग परीक्षा पास करने के बाद ही जूनियर कमीशंड ऑफिसर ( जेसीओ -jco ) के तौर पर  तरक्की दी जाती है .

भारतीय सेना की सैन्य पुलिस कोर  में महिलाओं को सैनिक के तौर पर शामिल करने की शुरुआत  के बाद, यह पहली बार है कि सेना में एक महिला सैनिक को जेसीओ  के रूप में पदोन्नत किया गया है.