सेना का यह ड्रोन कमाल का है , इसे बनाने वाले हवलदार वरिंदर सिंह को मिला विशिष्ठ सेवा मेडल

129
भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट के हवलदार वरिंदर सिंह ने विकसित किए गए 'बहुउद्देशीय ऑक्टोकॉप्टर' के साथ

भारतीय सेना (indianarmy ) की सिख रेजिमेंट  ( sikh regiment) के हवलदार वरिंदर सिंह ने एक  ऐसा ‘बहुउद्देशीय ऑक्टोकॉप्टर’ विकसित किया है, जो न सिर्फ निगरानी और खुफियागिरी कर  सकता है, बल्कि हथगोले  गिराने से लेकर ऑटोमेटिक राइफल से निशाना भी साध सकता है . यही नहीं यह ड्रोन भारी  भरकम सामान तक एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकता है. इसके अलावा भी अलग अलग तरह के काम करने में सक्षम इस ड्रोन को बनाने वाले हवलदार वरिंदर सिंह को उनकी उपलब्धियों के लिए इस साल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विशिष्ठ सेवा पदक ( vishishth sewa medal ) से सम्मानित किया है.

खासियत यह  भी है कि बहुउद्देशीय ऑक्टोकॉप्टर ( multipurpose octocopter) अपने  ऑपरेटर को लाइव कैमरा फ़ीड देते हुए निगरानी का काम कर सकता है. इसका उपयोग ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों (HAA)समेत  अग्रिम चौकियों पर आवश्यक आपूर्ति पहुंचाने के लिए किया जा सकता है. बहुउद्देश्यीय ऑक्टोकॉप्टर को दुश्मन के ठिकानों पर असॉल्ट राइफल से गोलियां दागने और ग्रेनेड गिराने के लिए एक प्लेटफार्म से भी लैस किया गया है. और तो और इस ड्रोन  की मदद  से संचार व्यवस्था बेहतर करने के लिए केबल तक बिछाई जा सकती है . इसलिए, बहुउद्देश्यीय ऑक्टॉकोप्टर में किसी भी सैन्य अभियान में  एक शक्ति गुणक बनने की क्षमता है.

हवलदार वरिंदर सिंह (havildar varinder singh) का कहना है कि दूर दराज के पर्वतीय इलाकों  में  बर्फीले तूफ़ान आदि जैसी परिस्थितियों में रास्ते बंद हो जाते हैं और सैन्य चौकियों तक पहुंचना मुश्किल होता है . ऐसे में इस ड्रोन की मदद से ज़रूरी सामान जैसे दवाइयों से लेकर राशन तक पहुँचाया जा सकता है . अभी सेना के पास जो दरों हैं वह 5 से 10 किलो तक का  सामान ही उठा कर ले जा सकते हैं लेकिन यह ड्रोन इतना ताकतवर है कि इससे 25 किलो तक वजन भी दूसरी जगह पहुँचाया जा सकता है . इन-हाउस विकसित इस इनोवेशन का सफल परीक्षण पहले ही मैदानी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में  किया जा चुका है.