सियाचिन के 4 शहीद जवानों के पार्थिव शरीर आज उनके घर भेजे जाएंगे

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सियाचिन में हिमस्खलन में शहीद जवानों को सलाम.

दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धस्थल सियाचिन में हिमस्खलन के बाद बर्फ में दबने से भारतीय सेना के 4 जवान शहीद हो गए. उनके साथ 2 पोर्टरों की भी मौत हुई है. हालांकि बर्फ में कुल 8 लोग दबे थे लेकिन दो जवानों को सेना के बचाव दल ने जिंदा बचा लिया. दोनों को हेलिकाप्टर से सैन्य अस्पताल तक पहुंचाया जहाँ उनका इलाज किया जा रहा है. दोनों की हालत गंभीर बताई गई है. घटना सोमवार यानि 18 नवम्बर की दोपहर 3 बजे की है. यहाँ याद दिलाना जरूरी है कि ठंड के मौसम में यहाँ का तापमान -60 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है. हालांकि अभी तापमान -30 डिग्री से भी कम है.

सेना के शहीद हुए चार जवानों के पार्थिव शरीर बुधवार को लद्दाख से सैन्य सम्मान के साथ उनके घर भेजे जाएंगे. डोगरा रेजीमेंट के शहीद इन जवानों में तीन पंजाब और एक हिमाचल प्रदेश का निवासी था. सभी की आयु 30 साल से कम थी.

गौरतलब है कि उत्तरी लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकाम बनाने के साथ मौसम से भी लड़ रही है. ऐसे हालात में गत सोमवार को सियाचिन में सेना के जवानों की एक टुकड़ी क्षेत्र में एक पोस्ट पर बीमार हुए सैनिक को वहां से लेने निकली थी. इसी दौरान 19 हजार फीट की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद यह टुकड़ी लापता हो गई थी. इस पार्टी में सेना के चार जवान और दो पोर्टर भी थे. सेना के राहत दलों ने सभी को बर्फ से निकाल कर गंभीर हालात में सोमवार शाम को हेलीकॉप्टर से हुंदर में सेना के अस्पताल में पहुंचाया था. यहां पर काफी कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाना संभव नहीं हुआ.

इस हादसे में चार जवान और दो पोर्टर शहीद हो गए थे. पोर्टरों की पहचान लेह के लरगयाव के जिगमित नांग्याल व स्टेंजिन गुरमत के रूप में हुई. वह कुछ सालों से सियाचिन में सेना तक रसद पहुंचाने के लिए पोर्टर का काम कर रहे थे.

बताया जाता है कि बुधवार को लेह में सेना के चारों शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उनके पार्थिव शरीर विशेष विमान से चंडीगढ़ भेजे जाएंगे. वहां से उन्हें पैतृक निवास के लिए संबंधित जिलों में भेज दिया जाएगा.

शहीद जवान

शहीद नायक मनिन्द्र सिंह पंजाब के अमृतसर जिले के अजनाला के धोनेवाला गांव के रहने वाले थे. उनकी आयु 29 साल थी. वह 11 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे.

शहीद सिपाही डिंपल कुमार पंजाब के होशियारपुर जिले की मुकेरियां की सैदों तहसील के निवासी थे. उनकी आयु 21 साल थी. वह मार्च 2018 में सेना में भर्ती हुए थे.

शहीद सिपाही वीरपाल सिंह पंजाब के संगरूर जिले के मलेरकोटला के गवारा गांव के रहने वाले थे. 22 वर्षीय वीरपाल मार्च 2018 में सेना में भर्ती हुए थे.

शहीद सिपाही मनीश कुमार हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के अरकी तहसील के दोची गांव के निवासी थे. 21 वर्षीय मनीश दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे.

सियाचिन में ऐसे कई हादसे पहले भी हो चुके हैं. बीते 35 साल में हिमस्खलन के कारण सेना के 35 अधिकारी समेत हजार से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं. पिछली घटना 2016 की है जब मद्रास रेजिमेंट के हनुमंथप्पा समेत 10 जवान बर्फ में दबने से शहीद हुए थे.