श्रीनगर/नई दिल्ली. जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने रमजान के पाक महीने में जिस जवान औरंगजेब का गुरुवार को दिन में अपहरण कर लिया था शाम को गोलियों से छलनी उसका शव मिलने से सनसनी फैल गई. उसे पुलवामा के कालामपोरा क्षेत्र से अगवा किया गया था और 10 किमी दूर गूसो इलाके में उसका शव मिला. औरंगजेब छुट्टी लेकर ईद मनाने अपने घर जा रहा था. गौरतलब है कि अगवा जवान औरंगजेब उस एंटी टेरर कमांडो ग्रुप का हिस्सा था जिसने हिजबुल कमांडर समीर टाइगर को मार गिराया था.
औरंगजेब 44 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) शादीमर्ग का जवान था. वह एक फार्मासिस्ट से लिफ्ट लेकर जा रहा था. उसी ने पुलिस में सूचना दी कि कुछ नकाबपोश लोगों ने उसका रास्ता रोक लिया और औरंगजेब को अपने साथ ले गये. राजौरी जिले की ओर जाते हुए आतंकवादियों ने कालामपोरा क्षेत्र में इस वारदात को अंजाम दिया था. जवान पुंछ जिले का रहने वाला था. अगवा किये जाने की खबर मिलते ही सेना और पुलिस ने औरंगजेब की तलाश शुरु कर दी थी लेकिन उसे जिंदा मुक्त कराने में सुरक्षा बल नाकाम रहे.
दूसरी तरफ आतंकवादियों ने बुधवार देर रात एक स्थानीय नागरिक और एक पुलिसकर्मी का अपहरण भी कर लिया था. अपह्र्त पुलिस कर्मी का नाम मोहम्मद इश्क अहमद है. वह स्पेशल पुलिस आफिसर (एसपीओ) हैं जबकि स्थानीय नागरिक की पहचान नहीं हो पाई है.
इस बीच, नई दिल्ली में सेना के सूत्रों ने कहा था कि वे लोग जवान को खोजने और उसे आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए ‘कार्रवाई कर रहे हैं.’ एक सूत्र ने कहा, “44 राष्ट्रीय राइफल्स के एक जवान की अपहरण की सूचना मिली है, जो कि अपनी छुट्टी पर जा रहा था. जवान को वापस लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.”
आतंकवादियों ने यह अपहरण ऐसे समय में किया है जब केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर में लागू रमजान संघर्ष विराम के विस्तार पर चर्चा कर रहे हैं. यह संघर्ष विराम शुक्रवार को समाप्त होने वाला है.