जूनियर कमीशंड अधिकारी ( junior commissioned officer) कुलदीप चंद भारतीय थल सेना की 9 पंजाब रेजिमेंट में थे . एलओसी पर आतंकवादी घुसपैठियों से उनका व उनके साथियों का मुकाबला केरी – बट्टल में हुआ. साहसी व बहादुर सैनिक कुलदीप चंद हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के कोहलवीं गांव के रहने वाले थे .उन्होंने और उनकी टीम ने आतंकियों को बॉर्डर पार नहीं करने दिया.
सूबेदार कुलदीप चंद दो महीने पहले ही छुट्टी बिताकर गांव से बॉर्डर पर लौटे थे जहां उनकी ड्यूटी थी . वह अपने पीछे बेटा – बेटी , पत्नी और बुजुर्ग माता पिता छोड़ गए हैं. मृत्यू की सूचना मिलते ही कुलदीप चंद के पैतृक गांव में मातम छा गया .

सुक्खू ने श्रद्धांजलि अर्पित की :
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुलदीप चंद के साहस की प्रशंसा करते हुए शोक व्यक्त किया है . मुख्यमंत्री सुक्खू ने सोशल मीडिया एक्स (X) पर अपनी पोस्ट में कहा है ,” मेरे विधानसभा क्षेत्र नादौन के कोहलवीं गांव निवासी कुलदीप कुमार जी के शहीद होने का समाचार अत्यंत दुखद है.
देश की सेवा में उनके अविस्मरणीय योगदान को सदैव सम्मान के साथ याद किया जाएगा. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक-संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी में धैर्य एवं संबल प्रदान करें. इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं.”
सेना की व्हाइट नाइट कोर का संदेश :
वहीं सेना की व्हाइट नाइट कोर ( white knight corps ) ने भी एक्स पर पोस्ट के ज़रिये इस दुखद घटना की सूचना साझा की है . कोर ने अपनी पोस्ट में कहा है ,” व्हाइट नाइट कोर के जीओसी व सभी रैंक 9 पंजाब के बहादुर सूबेदार कुलदीप चंद के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं. उन्होंने 11 अप्रैल 2025 की रात को सुंदरबनी के केरी- बट्टल क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ विरोधी अभियान का बहादुरी से नेतृत्व करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. उनकी टीम की वीरता और सूबेदार कुलदीप के सर्वोच्च बलिदान ने आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया. हम इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुटता से खड़े हैं.”