भारत के केन्द्रशासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक के घंटाघर पर शुक्रवार की शाम का नज़ारा एकदम हटकर था. यहां अचानक जम्मू कश्मीर पुलिस के बड़े अधिकारियों के साथ सेना के बड़े अफसर अपने परिवारों के साथ आ पहुंचे. उन्होंने यहां सड़क किनारे रेहड़ी पर चिकन, मछली और ऐग रोल बेचने वाले से स्नैक्स लिए और वहीं खड़े होकर खाए भी. ठेले वालों और कश्मीर घूमने आए कुछ सैलानियों से बात की. यहां तिरंगी रोशनी में सराबोर घंटाघर और आसपास में उन्होंने तस्वीरें भी लीं.
दरअसल ये मौका भारतीय सेना की उत्तरी कमांड के प्रमुख और लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के कश्मीर घाटी के तीन दिवसीय दौरे के बीच बना. लाल चौक पर वे पत्नी के साथ पहुंचे. वहीं पर श्रीनगर स्थित मुख्यालय वाली चिनार कोर (15 कोर) के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे और जम्मू कश्मीर पुलिस की श्रीनगर के महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार भी आ गए. इन अधिकारियों के साथ उनकी पत्नियां भी थीं. जब इतने वरिष्ठ अधिकारी आएं तो ज़ाहिर सी बात है कि उनके मातहत कुछ और अफसरों का भी यहां आना स्वाभाविक था. कुछ के लिए शिष्टाचार तो कुछ के लिए ये ड्यूटी भी थी.
हालांकि सभी अधिकारी वर्दी में थे लेकिन लाल चौक पर अधिकारियों का आपस में और जनता से बातचीत का सिलसिला अनौपचारिक माहौल वाला था. लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे के साथ ठेले वाले की हल्की फुल्की बातचीत दिलचस्प थी. इस दौरान रिकॉर्ड किये गये एक वीडियो में वे ठेले वाले से हाथ मिलाते और उसे शुभकामनाएं देते देखे सुने गए, ” बहुत दिन बाद किसी कश्मीरी को ऐसे स्माइल (smile) करते देखा है…ऊपर वाला तुम्हें खुश रखे”.
श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आईपीएस अधिकारी राकेश बलवल इस दौरान बड़े अफसरों के इस समूह के पीछे खड़े थे. जनरल पांडे ने उनको ठेले के करीब बुलाया और कुछ खाने को कहा. …खाने के लिए कुछ हिचकिचाहट के साथ आगे आते राकेश बलवल को देख जनरल पांडे ने हाथ से जनरल द्विवेदी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वैसे तो साहब भी नहीं खाते नॉन वेज. इसके बाद जनरल पांडे ने चिकन कबाब और मच्छी कबाब बनाने वाले इस ठेले वाले से मुखातिब होते हुए कहा, ” वैसे तो साहब भी नहीं खाते नॉन वेज, आज तुम्हारे चक्कर में खा रहे हैं “.
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2012 के राकेश बलवल वही युवा और उत्साही पुलिस अधिकारी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन आई ए – nia) में अपनी तैनाती के दौरान, 2019 के पुलवामा हमले वाले केस की जांच टीम का नेतृत्व किया था. उनको दिसंबर में ही संदीप चौधरी की जगह राजधानी श्रीनगर की बतौर एसएसपी कमान सौंपी गई थी.