सामान्य स्कूल , कॉलेज के बाद यूनिवर्सिटी की उच्च शिक्षा तो पहले से ही प्राइवेट हाथों सौंपी जा चुकी है लेकिन अब सैनिक स्कूलों पर भी निजी क्षेत्र का साया पड़ गया है. खुद सरकार ही इसे बढ़ावा दे रही है . इसके लिए , रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल समिति निजी निजी क्षेत्र से करार भी कर रही है. किसी और ने नहीं बल्कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बारे में बनाई गई नीति का फख्र के साथ खुलासा किया है लेकिन साथ ही उम्मीद ज़ाहिर की है इससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में आज ( 23 सितंबर 2024) ऐसे ही एक सैनिक स्कूल के औपचारिक उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बारे में सरकार के नज़रिए व नीति का ज़िक्र किया . ऐसे 100 स्कूल भारत के विभिन्न इलाकों में साझेदारी के साथ खोले जाने का प्लान है .
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ रक्षा मंत्रालय ( defence ministry) ने राज्य सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और निजी स्कूलों के सहयोग से इन 100 स्कूलों में से 45 स्कूलों को मंजूरी दे दी है. इनमें से 40 स्कूलों में पढ़ाई बाकायदा शुरू हो गई है,. सैनिक स्कूल, जयपुर उनमें से एक है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में विश्वास व्यक्त किया कि यह स्कूल राज्य के देशभक्त युवाओं के लिए वरदान साबित होगा क्योंकि उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने और देश की सेवा करने के लिए उचित मार्गदर्शन व आवश्यक बुनियादी ढांचागत सुविधाएं दी जाएंगी. उन्होंने कहा, “राजस्थान महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, महाराजा सूरजमल और सवाई जय सिंह जैसे शूरवीरों की भूमि है. ये वीर नायक युवा पीढ़ी के लिए सेना में शामिल होने के लिए प्रेरणा हैं. यह नया सैनिक स्कूल उन्हें अपनी मातृभूमि की सेवा करने की सटीक दिशा प्रदान करेगा।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि पीपीपी मॉडल (PPP model ) को आमतौर पर ‘सार्वजनिक-निजी भागीदारी’ ( public , private partnership) के रूप में माना जाता है, लेकिन अब यह सहयोग अपनी मानक परिभाषा से परे हट रहा है और इसे अब ‘निजी-सार्वजनिक भागीदारी’ के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘निजी क्षेत्र अब देश की अर्थव्यवस्था में चालक की भूमिका में है, जो कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में व्यापक योगदान दे रहा है. इन नए सैनिक स्कूलों के माध्यम से निजी और सार्वजनिक क्षेत्र एकजुट होंगे तथा हमारी भावी पीढ़ियों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करेंगे.’
शिक्षा को राष्ट्र के विकास में सबसे अहम बताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बच्चों का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करने की दिशा में सैनिक स्कूलों की तरफ से की जा रही कोशिशों पर खासतौर से प्रकाश डाला. उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि सैनिक स्कूल न सिर्फ शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें अनुशासन, देशभक्ति और साहस का पाठ भी पढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास उन्हें राष्ट्र को आगे ले जाने के लिए प्रेरित करता है.
राजनाथ सिंह ने सैनिक स्कूलों की महत्ता और उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए बताया कि वर्तमान थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी सैनिक स्कूल, रीवा के प्रतिभाशाली विद्यार्थी रहे हैं. उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूलों के विद्यार्थी न सिर्फ सशस्त्र बलों में बल्कि किसी भी अन्य क्षेत्र में अपना करियर चुन सकते हैं और अपने तरीके से देश की सेवा कर सकते हैं. उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे कभी भी हार न मानें तथा अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर कड़ी मेहनत करते रहें.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि साझेदारी के आधार पर 100 नए सैनिक स्कूल पूर्ववर्ती पैटर्न के तहत पहले से ही चल रहे मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों के अलावा हैं. ये नए स्कूल संबंधित शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होने के अलावा सैनिक स्कूल सोसायटी के तत्वावधान में काम करेंगे और इसके नियम-कायदों का पालन करेंगे नए स्कूल अपने नियमित संबद्ध बोर्ड पाठ्यक्रम के अलावा सैनिक स्कूल पैटर्न के छात्रों को अकादमिक प्लस पाठ्यक्रम की शिक्षा प्रदान करेंगे.
सितंबर 2023 में सैनिक स्कूल सोसायटी, रक्षा मंत्रालय ने श्री भवानी निकेतन पब्लिक स्कूल, जयपुर में एक नया सैनिक स्कूल खोलने के लिए श्री भवानी निकेतन शिक्षा समिति के साथ एक सहमति पत्र पर दस्तखत किए थे. इस सैनिक स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम के मौके पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और राजस्थान सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री कर्नल ( सेवानिवृत्त ) राज्यवर्धन राठौर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.