एयरो इंडिया में पहली बार रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35 युद्धक विमान

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एयरो इंडिया के लिए येलहंका एयरफोर्स स्टेशन तैयार है.
एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी एयरो इंडिया ( Aero India 2025 )  सोमवार से शुरू होगी. यह शो का 15वां संस्करण है. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर्नाटक के बेंगलुरु में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर पांच दिवसीय कार्यक्रम इस शो  का उद्घाटन करेंगे.
एयरो इंडिया के दौरान पहले तीन दिन यानि  10 से 12 फरवरी को व्यावसायिक दिन होंगे  जबकि 13 और 14 को आम लोगों के लिए शो देखने के लिए सार्वजनिक दिन के रूप में निर्धारित किया गया है। एयरो इंडिया में 90 से ज्यादा  देशों की कंपनियां शामिल हो  रही हैं.

रक्षा  मंत्रालय (Ministry of Defence ) की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘द रनवे टू ए बिलियन ऑपर्च्युनिटीज’ की व्यापक थीम के साथ, पांच दिवसीय भव्य आयोजन में भारत की हवाई क्षमता और स्वदेशी अत्याधुनिक नवाचारों के साथ-साथ वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियों के अत्याधुनिक उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा. ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ नज़रिए  के मुताबिक , यह कार्यक्रम स्वदेशीकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बनाने का मंच भी देगा .

आयोजन की पूर्व संध्या पर बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया को एक महत्वपूर्ण मंच बताया, जो एक मजबूत, सक्षम भारत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत की सोच  को आगे बढ़ाएगा. उन्होंने कहा कि  “एयरो इंडिया एक ऐसा मंच है जो न्यू इंडिया की ताकत, लचीलापन और आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है हमारा लक्ष्य अपने मित्र देशों के साथ साझा हितों के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना, गहन सहयोग और साझा प्रगति को बढ़ावा देना है.  यह आयोजन न केवल प्रौद्योगिकी और नवाचार का प्रदर्शन है, बल्कि यह हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा, वैज्ञानिक सोच और नवाचार की भावना को बढ़ावा देगा.

42 वर्ग किलोमीटर से अधिक के कुल क्षेत्र में आयोजित और 150 विदेशी कंपनियों सहित 900 से अधिक प्रदर्शकों की  भागीदारी के साथ, यह आयोजन अब तक का सबसे बड़ा एयरो इंडिया होने वाला है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 90 से अधिक देशों की भागीदारी को भारत की एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में बढ़ते वैश्विक भरोसे का सबूत   बताया.  उन्होंने कहा, “इस कार्यक्रम में शामिल होने  लगभग 30 देशों के रक्षा मंत्री या प्रतिनिधि आए हैं. 43 देशों के वायु सेना प्रमुखों और सचिवों की उपस्थिति इस आयोजन के महत्व को और उजागर करती है – यह न सिर्फ भारत  के लिए, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय रक्षा समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है .

 उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर 2025-26 के अंत तक 1.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा  हो जाएगा. राजनाथ सिंह ने   कहा कि रक्षा निर्यात 21,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को छू चूका  है और अब 30,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा.

राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया को आर्थिक मजबूती का एक महत्वपूर्ण वाहक  बताया, जो अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान दे रहा है.  उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एयरो इंडिया को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की दिशा में भारत की यात्रा में एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में याद किया जाएगा.

पहली बार: एयरो इंडिया में रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35:

इतिहास में पहली बार, एयरो इंडिया 2025 में दुनिया के दो सबसे उन्नत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान – रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35 लाइटनिंग II शामिल हो रहे हैं .  इसे वैश्विक रक्षा सहयोग और तकनीकी उन्नति में मील का पत्थर माना जा रहा है, जो विमानन उत्साही और रक्षा विशेषज्ञों को इन अत्याधुनिक युद्धक विमानों को देखने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है.

एस यू-57: रूस का प्रमुख स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर बेहतरीन हवाई श्रेष्ठता और स्ट्राइक क्षमताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है. उन्नत एवियोनिक्स, सुपरक्रूज़ क्षमता और स्टील्थ तकनीक से लैस, यह युद्धक विमान  एयरो इंडिया 2025 में अपनी शुरुआत कर रहा है.

F-35 लाइटनिंग II: लॉकहीड मार्टिन F-35 लाइटनिंग II, सबसे व्यापक रूप से तैनात पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो उन्नत स्टील्थ, अद्वितीय स्थितिजन्य जागरूकता और नेटवर्क से जुड़ी लड़ाकू क्षमताओं को एकीकृत करता है। एयरो इंडिया 2025 में इसकी उपस्थिति आगंतुकों को अमेरिकी वायु सेना के प्रमुख विमान को देखने में सक्षम बनाएगी.