विभिन्न समाचार एजेंसियों से मिली खबर के मुताबिक़ गिरफ्तार अधिकारी रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी हसन सरवर्दी हैं. पुलिस ने उनको प्रारंभिक पूछताछ और इसके तहत अपनाई गई कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक़ गिरफ्तार किया है . इससे पहले पुलिस ने रविवार को मियाँ ज़ाहिदुल इस्लाम अरेफी नाम के उस शख्स को तब गिरफ्तार किया था जब वह हज़रत शाहजलाल इंटरनेश्नल एयरपोर्ट ( hazrat shahjalal international airport ) से फ्लाइट पकड़कर बंगलादेश से बाहर निकलने की फ़िराक में था .
पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच के प्रमुख मोहम्मद हारूनोर राशिद ने बताया कि जनरल चौधरी का नाम उस फ्राड वाले केस में मुलजिम नंबर 2 के तहत दर्ज किया गया है जो मियाँ ज़ाहिदुल इस्लाम अरेफी के खिलाफ दर्ज किया गया है . इसमें कहा गया है कि मियाँ ज़ाहिदुल इस्लाम अरेफी ने फर्जीवाड़ा का सहारा लेकर बंगलादेश में अराजकता के लिए उकसाया है .
असल में शनिवार को जनरल चौधरी हसन सुहरावर्दी , मियाँ ज़ाहिदुल इस्लाम अरेफी नाम के इस शख्स के साथ थे जब वह मीडिया से मुखातिब था. यह मीडिया वार्ता बांग्लादेश नेश्निस्ट पार्टी ( bangladesh nationalist party – BNP ) के दफ्तर में हुई थी . बीएनपी के नेता इशराक हुसैन व अन्य उनके साथ कुछ कनिष्ठ नेता भी मौजूद थे. बांग्लादेश नेश्निस्ट पार्टी वर्तमान में बंगलादेश में विपक्षी दल है जहां अवामी लीग पार्टी की सरकार है और इसकी नेता शेख हसीना प्रधानमंत्री हैं . हसीना ने जनरल चौधरी हसन सरवर्दी की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे.
दरअसल मियाँ ज़ाहिदुल इस्लाम अरेफी ने खुद को अमेरिकी राष्ट्रपति से करीबी बताते हुए इतना दावा भी किया कि वह जो बाइडेन के साथ दिन में 10 से 15 बार तो फोन पर मैसेज भी एक्सचेंज करता है . उसने इतना तक कहा कि बंगलादेश की अर्थव्यवस्था का हाल श्रीलंका जैसा हो गया है और अगर अवामी लीग की सरकार रही तो एक दिन भारत उस पर कब्जा कर लेगा. इस शख्स ने यह तक दावा किया कि यह उसी की कोशिश का नतीजा था जो अमेरिका ने हाल ही में बंगलादेश के कुछ अधिकारियों के खिलाफ वीजा प्रतिबंध लगाए. मियाँ ज़ाहिदुल इस्लाम अरेफी ने अपने को अमेरिकी राष्ट्रपति का करीबी बताते हुए यह तक कह डाला कि वह सुनिश्चित कराएगा कि इसी तरह के प्रतिबन्ध गृह मंत्री असादुज्ज़ा ज़मा खान कमाल , कानून मंत्री अनीस उल हक और कानून से जुडी एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ लगाए जाएं .
इसके तुरंत बाद बंगलादेश स्थित अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी करके कहा कि मियाँ ज़ाहिदुल इस्लाम अरेफी नाम का शख्स अमेरिकी सरकार की तरफ से नहीं बोल रहा है , वह सरकारी आदमी नहीं है , सिर्फ एक व्यक्ति है .
वहीँ इसके फ़ौरन बाद घटनाक्रम बदले और बंगलादेश के विदेशमंत्री ए के अब्दुल मोमन ने टिप्पणी करते हुए इस शख्स को ‘ बहरूपिया ‘ बताया . वहीँ प्रधानमन्त्री शेख हसीना ने एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान पूछे गए सवाल पर कहा कि उसे बख्शा नहीं जाएगा . इसी के बाद पुलिस ने केस दर्ज करके पहले मियाँ ज़ाहिदुल इस्लाम अरेफी को और फिर जनरल चौधरी हसन सरवर्दी को गिरफ्तार किया . जनरल चौधरी से जानकारी ली जानी है कि ऐसे बहरुपिए शख्स के साथ वहां उनके होने का मकसद क्या था . प्रेस कान्फ्रेंस ढाका के नया पलटन बाज़ार स्थित बीएनपी के केन्द्रीय कार्यालय में हुई थी . ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस ( dhaka metropolitan police ) ने पलटन बाज़ार थाने में दर्ज इस केस में मंगलवार को जनरल चौधरी सरवर्दी को गिरफ्तार किया.
कौन है जनरल चौधरी सुहरावर्दी :
वर्तमान में 63 साल के रिटायर्ड जनरल सरवर्दी सेना में कई अहम ओहदों पर तैनात रहे हैं . उन्होंने 15 जून 1980 को ईस्ट बंगाल रेजीमेंट में कमीशन प्राप्त किया था. रक्षा मामलों से लेकर कानून सहित विभिन्न विषयों पर उन्होंने मास्टर्स किया है. उन्होंने बंगलादेश सेना में रहते हुए विदेशों में भी अपनी सेवाएं दी हैं .
जनरल चौधरी सुहरावर्दी उस स्पेशल सिक्युरिटी फ़ोर्स के महानिदेशक भी रहे जो बंगलादेश में अति विशिष्ठ व्यक्तियों ( वी वी आई पी ) को सुरक्षा मुहैया कराती है. प्रधानमन्त्री शेख हसीना भी इसी हिफाजती फ़ोर्स के सुरक्षा पहरे में हैं . जनरल चौधरी सरवर्दी 9 डिवीज़न के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ( जीओसी ) भी रहे हैं. वह नेशनल डिफेन्स कॉलेज ( NDC- एनडीसी ) के प्रमुख भी रहे . वैसे रिटायरमेंट के बाद वह विवादों में आ गए थे. उनकी तरफ से की गई बयानबाजी व गतिविधियों को सरकार ने संदेहजनक बताते हुए विभिन्न सैन्य संस्थानों में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी थी .