असम में पुलिस को ट्रेंड करने के लिए सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों की मदद ली जाएगी. उन अधिकारियों को असम पुलिस में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ASP के पद पर भर्ती किये जाने का ऐलान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने देरगांव में सोमवार को किया. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ये भी ऐलान किया कि साल 2023 के अंत तक राज्य के बचे हुए 8 जिलों से भी सशस्त्र बल विशेषाधिकार (AFSPA) अधिनियम के लागू प्रावधान हटा लिए जाएंगे . उन्होंने कहा कि राज्य में क़ानून व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार है जिसके मद्दे नजर इन प्रावधानों को पूरे राज्य से हटा लिये जाने की उम्मीद है . श्री सरमा लाचित बरफुकन पुलिस अकादमी Lachit Barphukan Police Academy में आयोजित प्रथम कमांडेंट सम्मेलन commandants’ conference में अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे.
सशस्त्र बल विशेष अधिकार (AFSPA) अधिनियम गड़बड़ी वाले इलाकों में लागू किया जाता है. इसके तहत सेना को अधिकार है कि वो अदालत या मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना भी किसी भी नागरिक गिरफ्तार कर सके या तलाशी के सके. भारत में पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों के अलावा आतंकवाद ग्रस्त सीमावर्ती जम्मू कश्मीर में भी इसके प्रावधानों को लागू किया गया है .
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पुलिस बटालियनों को इस तरह सशक्त किया जाएगा कि उसके जवान क़ानून व्यवस्था की किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हों . बिना खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल व कम से कम बल प्रयोग किये उन्हें भीड़ नियंत्रित करने के तरीके सिखाए जाएंगे. इससे असम पुलिस की बटालियन राज्य में तैनात केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का स्थान ले सकेंगी . उन्होंने कहा कि कमांडेंट सम्मेलन हर 6 महीने बाद आयोजित किया जाएगा ताकि बल में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके और राज्य की पुलिस को परिणामोन्मुखी बनाया बनाया जा सके .
इस अवसर पर असम पुलिस के महानिदेशक जी पी सिंह , मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव समीर कुमार सिन्हा , विशेष महानिदेशक हरमीत सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे .