सड़कों पर फल बेचते रिटायर्ड फौजी अफसर ने सबको अपना कायल बना दिया

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जनरल शाह महमूद नियाज़ी
सड़कों पर फल बेचते रिटायर्ड जनरल शाह महमूद नियाज़ी.

इस तस्वीर को देखकर यकीन नहीं होता कि सड़कों पर रेहड़ी पर फल बेचने वाला ये बुज़ुर्ग सेना का कोई वरिष्ठ अधिकारी भी हो सकता है. अधिकारी भी वो जिसके नाम के आगे जनरल का ओहदा लगा हो. ये तस्वीर अफगानिस्तान के कंधार शहर की है. किसी अफगानी ट्वीटर हैंडल से ट्वीट हुई तस्वीर भारत के रिटायर्ड फ़ौजी अधिकारियों के बीच भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. इसे देखकर सब लोग सैन्य समुदाय के गर्व और खुद्दारी वाले जज़्बे को याद करते हुए सलाम कर रहे हैं.

ट्वीटर और फेसबुक पर दिखाई दी इस तस्वीर वाले बुजुर्ग के बारे जो जानकारी दी गई है वो जहां हैरानी पैदा करती है, वहीँ सबके मन में इस बुजुर्ग के प्रति सम्मान भी ज़ाहिर करती है. इसके मुताबिक़ अफगानिस्तान के शहर कंधार शहर की सड़कों पर चलते फिरते लकड़ी की रेहड़ी पर फल बेचने वाला ये बुज़ुर्ग शख्स जनरल शाह महमूद नियाज़ी (shah mahmood niazi ) है जो किसी ज़माने में अफगानिस्तान की सेना में ब्रिगेडियर था और जिसने 1990 तक सेना में अपनी सेवाएं दीं. इंग्लैंड की रॉयल मिलिटरी एकेडमी (Royal Military Academy) से 1958 में इन्होंने ग्रेजुएशन के बाद अफगानी सेना में नौकरी शुरू की.

कहा जाता है कि इनके 2 बेटे अफगानिस्तान की सिविल जंग में मारे गए और तीसरे बेटे ने खुद को (संभवत : 2019 में) खुद को बम से उड़ा दिया था यानि वो एक फिदाइन बन गया. जिस वक्त जनरल शाह महमूद नियाज़ी के बारे में ये सब ट्वीट किया गया तब उनकी उम्र 88 साल थी. सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक़ इनके परिवार में बुज़ुर्ग पत्नी और विधवा पुत्रवधु है. रेहड़ी पर सामान बेचकर ये परिवार का पेट पालते हैं. कुछ लोगों ने इनकी उम्र की अवस्था, पारिवारिक और आर्थिक हालात देखते हुए मदद करने की कोशिश की लेकिन इन्होंने ऐसी कोई भी मदद लेने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि इनकी खुद्दारी इसकी इजाज़त नहीं देती.

ये तस्वीर तब की है जब अफ़ग़ानिस्तान में सरकार पर तालिबान का नियंत्रण नहीं हुआ था. तब वहां अमेरिकी फ़ौज भी मौजूद थी. वर्तमान में इस बुजुर्ग रिटायर्ड फ़ौजी के के हालात के बारे में खबर नहीं है. लेकिन इतने खराब हालात में भी अपनी खुद्दारी को जिंदा रखे इस फ़ौजी के फ़ोटो को अब भारत में भी लोग पसंद कर रहे हैं और इस पर कमेंट कर रहे हैं. बुजुर्ग का एक वीडियो भी है जिसमें इनके घर पर आए किसी अफगानी अधिकारी या नेता को मदद का प्रस्ताव देते और खैरियत पूछते देखा जा सकता है.