फ़्रांस की दसाल्ट एविएशन कम्पनी के, भारतीय वायु सेना के लिये बनाये उन पांच लड़ाकू राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल करने की रस्म की औपचारिकता पूरी करने के दौरान हरियाणा के अम्बाला एयरबेस पर गुरुवार को सर्व धर्म पूजा की गई. इस दौरान विमानों को पानी की बौछारों से ‘स्नान’ करवाकर सैल्यूट किया गया. राफेल के नेतृत्व में अन्य विमानों और हेलीकॉप्टरों ने आसमान में तरह तरह के परवाज़ भरके अपने कौशल का प्रदर्शन किया. खास बात ये रही कि इस मौके पर मौजूद फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने जो अहम बातें कहीं उनका लब्बो लुआब यही है कि फ्रांस रक्षा के क्षेत्र में भारत के साथ खड़ा है.
भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बिपिन रावत, वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरके सिंह भदौरिया, सेनाओं के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे. फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और फ़्रांस मिलकर रक्षा सम्बन्धों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि फ्रांस की तरफ से भारत को 36 राफेल देने के कार्यक्रम के कई मायने हैं. फ्रांसीसी रक्षा मंत्री बोलीं कि ‘सैन्य संदर्भ में देखा जाये तो, इसका मतलब है कि भारत विश्वस्तरीय क्षमता हासिल कर लेगा, जो सचमुच दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक होगा और आपकी वायुसेना को अविश्वसनीय संप्रभुता संपन्न अस्त्र देगा’. फ्लोरेंस पार्ले ने कहा कि सामरिक संदर्भ में, इसका मतलब है कि भारत को अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने के लिए समूचे क्षेत्र में बढ़त मिलेगी.
जहां फ्लोरेंस पार्ले ने भारत के मेक इन इण्डिया कार्यक्रम की तारीफ करते हुए बताया कि फ्रांस इसमें सहयोग के साथ अन्य तरह से भी भारत में रक्षा और औद्योगिक क्षेत्र में सहयोग करेगा. उन्होंने कहा कि कई फ़्रांसिसी कम्पनियों ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है. वहीं भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ़्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ले से हुई चर्चा को फलदायक बताते हुए ट्वीट किया, दोनों देश पहले से ही चिन्हित क्षेत्रों में सहयोग करेंगे, साथ ही सैन्य स्तर पर भी ये होगा. उन्होंने कहा कि मैंने फ्रांसीसी निर्माताओं को यहाँ रक्षा गलियारे में निवेश के लिए आमंत्रित किया है.
एक अन्य खबर के मुताबिक़ फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में फ्रांस की तरफ से भारत के समर्थन की बात भी कही. आकाश में एकाधिकार से लेकर विभिन्न प्रकार की युद्धक क्षमताओं से लबरेज़ पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू राफेल एक ऐसा बहु उपयोगी जेट है जिसे पाकर भारत की हवाई शक्ति में बेहद इज़ाफा होना लाज़मी है. विभिन्न प्रकार की मिसाइलों से लैस 36 लड़ाकू राफेल खरीदने के लिए भारत ने फ़्रांस की दसाल्ट एविएशन कम्पनी से तकरीबन 60 हज़ार करोड़ का सौदा किया था.
इनमें से अब तक 5 राफेल की पहली खेप 29 जुलाई को भारत आई थी जो पुनर्गठित की गई उस ऐतिहासिक 17 स्क्वाड्रन में शामिल हुई जिसे गोल्डन एरोज़ (Golden Arrows) कहा जाता है. हरियाणा के अम्बाला के साथ साथ राफेल को पश्चिम बंगाल के हिमसारा बेस पर तैनात करने का प्लान है. बाकी 31 राफेल विमान 20 21 के अंत तक भारत को मिलने हैं. पिछले 19 साल में दुनिया में लगभग हरेक बड़े हवाई सैन्य मिशन में शामिल रहा राफेल जबरदस्त गुणों वाली आधुनिकतम तकनीक वाला उत्पाद है.