भारत के साथ हुए सौदे के तहत फ्रांस की कम्पनी दसाल्ट एवियेशन के बनाये लड़ाकू विमान राफेल (Rafale fighter) की पहली खेप के पांच फाइटर आज अम्बाला एयर बेस पर लैंड कर गये. इन्हें लाने के लिए भारतीय वायुसेना के पायलटों ने 27 जुलाई को फ्रांस से परवाज़ भरी थी और इस दौरान उन्होंने बीच में संयुक्त अरब अमीरात में एक दिन का विश्राम किया. विमानों में उड़ान के दौरान ही ईंधन भी भरा गया जिसके लिए फ्रांस की वायुसेना ने सहयोग किया. अम्बाला एयर फोर्स स्टेशन पहुँचने पर भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरके सिंह भदौरिया, AOC-in-C WAC एयर मार्शल बी सुरेश ने पहले पांच लड़ाकू विमान राफेल का स्वागत किया.
दो चरणों में बांटी गई 8500 किलोमीटर की उड़ान के पहले चरण के दौरान फ्रांस के इन लड़ाकू विमानों राफेल ने साढ़े सात घंटे में 5800 किलोमीटर का हवाई सफर किया. इस दौरान फ्रेंच एयर फ़ोर्स (FAF) के टैंकरों ने इनमें आसमान में ही सफलतापूर्वक ईंधन भरा. ये चरण संयुक्त अरब अमीरात के अल दफ्र एयर बेस पर सम्पन्न हुआ जहां से अगले दिन दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए राफेल विमानों ने 2700 किलोमीटर की उड़ान भरी. 2700 किलोमीटर के अगले चरण को बुधवार की दोपहर इन पाँचों विमानों ने हरियाणा के अम्बाला स्थित एयर बेस पहुँच कर पूरा किया. भारत ने इन उड़ान के दौरान फ्रांस से मिले सहयोग के लिए उसका और उसकी वायुसेना का आभार प्रकट किया है.
आसमान में ही उड़ान के दौरान राफेल में ईंधन भरने की काफी अहमियत इसलिए है क्यूंकि ये प्रक्रिया सफलतापूर्वक करने का मतलब है कि बिना रुके राफेल से बेहद लम्बी दूरी तक काम लिया जा सकता है. इसका सामरिक महत्व काफी है और ऐसे विमान का होना किसी भी वायुसेना की ताकत में काफी इज़ाफा करता है.
ये एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना की ऐतिहासिक 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे. वायु सेना की 17 स्क्वाड्रन को ‘गोल्डन एरोस’ (Golden Arrows) के नाम से पुकारा जाता है. इस स्क्वाड्रन का पहली बार गठन अम्बाला स्थित एयर फ़ोर्स स्टेशन में 1 अक्टूबर 1951 को हुआ था. इन्हें अब इस स्क्वाड्रन में शामिल करने की सैन्य रस्म 15 अगस्त या इसके आसपास होगी.
राफेल आने की खुशी तो अम्बाला में उस समय देखने को मिली जब हाईवे पर लोग जमा हो गए थे और वीडियो बनाते हुए एक एक करके आते राफेल विमानों का इस्तकबाल अपने अपने ढंग से अपने अपने शब्दों में कर रहे थे. लोग टकटकी लगाए विमानों को आते और अपने ऊपर से गुजरते हुए वाह वाह कर रहे थे. कह रहे थे कि क्या रफ्तार है…क्या आवाज है. लोग बेहद रोमांचित थे. गजब का माहौल देखने को मिला. दरअसल, ट्विटर पर एक वीडियो में राफेल विमानों के आने और मौजूद लोगों की कमेंट्री या विचार सुने जा सकते हैं. लोग इसे प्राउड मोमेंट बता रहे थे.