राष्ट्रपति ने थल सेना की एयर डिफेन्स कोर को प्रेसिडेंट्स कलर्स से सम्मानित किया

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थल सेना की एयर डिफेन्स कोर को प्रेसिडेंट्स कलर्स से सम्मानित करते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक स्वतंत्र इकाई के रूप में आर्मी एयर डिफेंस कोर (Corps of Army Air Defence) के 25 वर्ष पूरे होने के मौके इसके जवानों को प्रेसिडेंट्स कलर्स से सम्मानित किया. ओडिशा में गोपालपुर मिलिटरी स्टेशन में शुक्रवार को आर्मी एयर डिफेंस के जवानों की ओर से यह सम्मान आर्मी एयर डिफेन्स सेंटर ने प्राप्त किया. भारत में राष्ट्रपति का ओहदा सेनाओं के सुप्रीम कमांडर का भी होता है और उनकी तरफ से दिए जाने वाला प्रेसिडेंट्स कलर्स शांति एवं युद्ध की स्थिति के दौरान राष्ट्र की सुरक्षा में सशस्त्र बलों की रेजिमेंट के अमूल्य योगदान को मान्यता देने वाला सर्वोच्च सम्मान है.

इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में भारतीय सशस्त्र बलों और विशेष रूप से आर्मी एयर डिफेंस के जवानों की शानदार विरासत को याद किया. उन्होंने कहा की ये बल विपरीत परिस्थितियों में भी सेना की ताकत को कई गुणा बढ़ा देता है. इस टुकड़ी के नेतृत्व में शानदार परेड की शुरुआत में राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सलामी दी गई.

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एयर डिफेंस (Corps of Army Air Defence) की टुकड़ियों ने कई अभियानों जैसे बर्मा अभियान, इम्फाल और कोहिमा की घेराबंदी, रंगून को दोबारा हासिल करने का अभियान, अराकान, मायितकाइना, हांगकांग, सिंगापुर, मलाया, बहरीन, इराक और फारस में कई अभियानों में हिस्सा लिया और कई वीरता पुरस्कार प्राप्त किए थे. इन वीरता पुरस्कारों में चार मिलिटरी क्रॉस, ब्रिटिश साम्राज्य का एक पदक, सात भारतीय विशिष्ट सेवा पदक और ब्रिटिश साम्राज्य के दो सम्मान शामिल हैं. एयर डिफेंस 1940 से आर्टिलरी के एक हिस्से के रूप में अस्तित्व में रहा है, लेकिन एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इसे 1994 में मान्यता दी गई थी.

भारत की एयर डिफेन्स कोर (Corps of Army Air Defence) को अब तक 2 अशोक चक्र, 2 कीर्ति चक्र, 20 वीर चक्र, 9 शौर्य चक्र और 113 सेना पदक से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा इस कोर को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान चार युद्ध सम्मान और 55 मेंशन-इन-डिस्पैच दिए गए हैं.

इस कार्यक्रम में तमाम वरिष्ठ अधिकारियों एवं गण्यमान्य लोगों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर भारतीय सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल और केन्द्रीय पेट्रोलियम और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, ओडिशा सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.