भारत चीन तनाव के बीच सीमा पर अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लदाख पहुंचे चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे.

भारत और चीन के सैनिकों में लदाख सीमा पर पिछले महीने हुई खूनी झड़प के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह अचानक वास्तविक नियंत्रण रेखा क्षेत्र में तैनात सैनिकों से मिलने के लिए जा पहुंचे. भारत के चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और भारत के सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे भी उनके साथ थे. भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे को सैनिकों और देश की सुरक्षा में तैनात तमाम सीमा प्रहरियों की हौसला आफज़ाई के लिए की गई कवायद कहा जा रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी आज लदाख पहुंचने के बाद हालात समझते हुए.

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी सीमान्त इलाकों में पहले जाते रहे हैं लेकिन इस दौरे को एक अलग अंदाज़ से देखा जाना लाज़मी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने लेह पहुंचकर सैनिकों से मुलाक़ात की और साथ ही सीमाई सुरक्षा की तैयारियों का जायज़ा भी लिया. यहाँ निम्मू पहुँचने पर भारत माता की जय और वन्देमातरम जैसे नारों के साथ सैनिकों ने वहां उनका स्वागत किया. यहाँ पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), थल सेना और वायुसेना के अधिकारियों से मुलाक़ात की. निम्मू चीन सीमा पर भारत की फ़ॉरवर्ड पोस्ट है जो 11000 फुट की ऊंचाई पर दुरूह इलाके में है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वास्तविक नियंत्रण रेखा क्षेत्र में तैनात सैनिकों से मिले

अचानक दौरा क्यूँ :

सूचना तो ये है कि चीन सीमा पर सैनिकों से मिलने और हालात का जायज़ा लेने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का जाना तय था लेकिन ऐन वक्त पर उनका जाना टल गया जिसके बाद अकेले सीडीएस बिपिन रावत के जाने का प्रोग्राम बना लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक यहाँ पहुंचकर सबको चौंकाया. इसे राजनयिक कूटनीति की कवायद के तौर पर लिया गया निर्णय भी माना जा रहा है.

सीमा पर क्या हुआ था :

उल्लेखनीय है कि 15 जून की रात लदाख में भारत चीन सीमा में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी जिसमें भारत की सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिकों की जान गई थी और कई घायल हुए थे. गलवान घाटी में इस खूनी झड़प में चीन के भी कई सैनिकों के मारे जाने और घायल होने की अपुष्ट खबरें आई हैं लेकिन इस पर चीन की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई. इसके बाद से दोनों तरफ की सेनाओं ने अपने अपने क्षेत्र में सैनिकों और सैन्य उपकरणों की तैनाती बढ़ा दी है. साथ ही दोनों की वायुसेनाओं ने भी नये सिरे से अपनी तैयारी की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वास्तविक नियंत्रण रेखा क्षेत्र में तैनात सैनिकों को संबोधित करते हुए.

खूनी झड़प के बाद :

गलवान घाटी की इस दिल दहला देने वाली लड़ाई से पहले भी और बाद में भी, तनाव के कारण, भारत-चीन के सैनिकों में बैठकें हुई. वहीं सामरिक और राजनयिक मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच अधिकारियों के स्तर पर बातचीत हुई लेकिन दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच कुछ वार्ता नहीं हो सकी है. अलबत्ता भारत ने आर्थिक मोर्चे पर इस लड़ाई को लड़ने का इशारा करते हुए, भारत में उसकी डिजिटल तरीकों से कमाई पर अंकुश लगाने की कवायद ज़रूर शुरू की है. इसके तहत भारत ने चीन से सम्बन्धित टिक टाक समेत 50 से ज़्यादा एप्लीकेशंस पर रोक लगा दी है.