INS Arihant : भारत अब जल, थल व नभ में परमाणु हथियारों से हमलों का जवाब देने में सक्षम

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आईएनएस अरिहंत
देश की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत.

देश की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत (INS Arihant) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को समर्पित कर दिया. प्रधानमंत्री ने इस पनडुब्बी का लोकार्पण करते हुए इसे देशवासियों को धनतेरस का तोहफा बताया और इस पनडुब्बी को दुश्मनों के लिए चुनौती बताया. समुद्र में अपनी पहली डिटरेंस पेट्रोलिंग के बाद परमाणु (एटमी) हथियारों से लैस पनडुब्बी INS Arihant अपना पहला गश्ती अभियान पूरा कर स्वदेश लौटी है. इसके साथ ही भारतीय सेना अब जल, थल और नभ में परमाणु हथियारों से हमलों का जवाब देने में सक्षम हो गई है. इस पनडुब्बी का वजन 6000 टन है.

INS Arihant : यह भी जानिए

गौरतलब है कि परमाणु पनडुब्बी के लिए भारत ने 1970 में कोशिश शुरु की थी. लेकिन इसका निर्माण 90 के दशक में आरम्भ हुआ. अरिहंत की मारक क्षमता 750 से 3500 किमी तक की है. इस पनडुब्बी से 15 मिसाइलें 750 किमी तक और 4 बैलिस्टिक मिसाइलें 3500 किमी तक मार कर सकती हैं. चीन, अमेरिका और रूस की परमाणु पनडुब्बियां 5000 किमी तक मार कर सकती हैं. अरिहंत को 2009 में पहली दफा विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर में लांच किया गया था. ऐसी ही दूसरी पनडुब्बी आईएनएस अरिद्धमान भी करीब-करीब तैयार है. सम्भवत: यह अगले साल तक बेडे में शामिल हो जाएगी.

आईएनएस अरिहंत
देश की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को देश को समर्पित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
आईएनएस अरिहंत
अरिहंत के सभी क्रू मेंबर्स को प्रधानमंत्री ने बधाई दी.

INS Arihant के सेना में शामिल होने से भारत अब तिहरे (ट्रायड) परमाणु हमले का मारक जवाब दे सकता है. जमीन पर अग्नि मिसाइल, हवा में लड़ाकू विमान और जल में अरिहंत के माध्यम से भारत परमाणु हथियारों से हमलों का जवाब आसानी से दे सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आईएनएस अरिहंत के कारण न्यूक्लियर ट्रायड हासिल करके भारत प्रतिष्ठित देशों के साथ खड़ा हो गया है. देशवासियों को इसकी सूचना देते हुए मोदी ने ट्वीट किया, ‘यह धनतेरस खास बन गया है.’ उन्होंने कहा कि भारत का न्यूक्लियर ट्रायड ऐतिहासिक है क्योंकि यह दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.

INS Arihant : भारत के दुश्मनों के लिए खुली चेतावनी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘अरिहंत भारत के दुश्मनों के लिए खुली चेतावनी है कि भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस न करे. सारा भारत आपका (अरिहंत) कृतज्ञ है. आज की यह सफलता भारत ने अपने बलबूते हासिल की है.’ उन्होंने कहा, ‘भारत एक शांतिपूर्ण देश है. यह हमारी कमजोरी नहीं है. यह हमारी शक्ति है. भारत किसी को छेड़ता नहीं है, लेकिन कोई छेड़ दे तो उसे छोड़ता नहीं है.’

चीन और पाकिस्तान के मद्देनजर सुरक्षा की जरूरतों पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के जमाने में परमाणु प्रतिरोधक वक्त की मांग है. परमाणु प्रतिरोधक का तात्पर्य है कि भारत ने पहले परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं करने का फैसला किया है, लेकिन वैसी स्थिति में कर सकता है जब कोई दूसरा देश उस पर हमला करे.

अरिहंत के सभी क्रू मेंबर्स को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका यह अभियान सुरक्षा और संरक्षा के लिए तपस्या है. अरिहंत का अर्थ है दुश्मनों को नष्ट करना. यह देश की सुरक्षा के लिए उपलब्धि है. एक बड़ा कदम है.