राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड ( national security guard ) में तैनात एक कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई . एक दुखद पहलू यह भी है कि 19 नवंबर को ही उसका विवाह होना था और उसे छुट्टी लेकर अपने घर उत्तराखंड जाना था.
हल्द्वानी में बिंदुखत्ता के खैरानी नंबर दो स्थित नरेंद्र सिंह भंडारी के घर पर मंगलवार को आई उस फोन कॉल ने ख़ुशी के माहौल को मातम में बदल डाला जिससे यह मनहूस खबर मिली . किसी को भी यकीन नहीं हो रहा था कि नरेंद्र इस तरह दुनिया से अचानक रुखसत हो जाएगा .
नरेंद्र की उम्र 31 साल थी . वह दस साल पहले सेना की कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती हुआ था और वर्तमान में एनएसजी में डेपुटेशन पर था . मंगलवार को नरेंद्र भंडारी का शव इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास सुदर्शन कैंप में उसकी बैरेक में मिला. उसको गोली लगी थी. दिल्ली पुलिस का मानना है कि शुरुआती छानबीन व हालात बताते हैं कि उसने खुद को राइफल से गोली मारी . आईजीआई एयरपोर्ट की पुलिस उपायुक्त ( deputy commissioner of police ) उषा रंगनानी ने मीडिया में दिए बयान में ऐसा कहा है लेकिन किसी को भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा. यहां लोगों में खबर फैली है कि मृत्यू फायरिंग ड्रिल के दौरान गोली लगने से हुई .
परिवार वालों का कहना है कि नरेंद्र ने घर पर मां माधवी से फोन पर आखिरी बार बात की थी और कहा था कि तेरी बहू बहुत अच्छी है. मां समेत अन्य नाते रिश्तेदार घर में आने वाली नई बहू को लेकर बेहद खुश थे. अब पूरे गांव में मातम पसर गया है. ग्रामीणों का कहना है कि नरेंद्र सरल स्वभाव का था और के साथ हर किसी की मदद के लिए तैयार रहता था.
नरेंद्र सिंह भंडारी के पिता गोपाल सिंह पूर्व सैनिक थे . उनका दो वर्ष पूर्व निधन हो गया था. नरेंद्र के बड़े भाई यशवंत सिंह भंडारी खेती करते हैं जबकि मझले भाई माधव सिंह रेलवे में लोको पायलट हैं.
दिल्ली से पहले नरेंद्र की वह जम्मू कश्मीर में तैनाती रही है . आने वाली 19 नवंबर को नरेंद्र की शादी लोहाघाट निवासी युवती से होनी थी जिसके लिए हल्द्वानी में बैंकट हॉल बुक किया गया था . शादी के कार्ड बंट चुके थे . बस नरेंद्र के आने का इंतज़ार था .