भारतीय नौसेना की कमान सम्भालते ही एडमिरल करमबीर सिंह ने धार्मिक किस्म के दिखने वाले आयोजनों और संगठन में वीआईपी संस्कृति को खत्म करके व्यवहारिकता और बराबरी को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं. एडमिरल करमबीर सिंह ने 31 मई को एडमिरल सुनील लान्बा के रिटायर होने पर भारतीय नौसेना के प्रमुख का ओहदा सम्भाला है.
एडमिरल करमबीर सिंह ने दो दर्जन से ज्यादा बिन्दुओं पर जो निर्देश जारी किये हैं उनमें कहा गया है कि भारतीय नौसेना में व्यापक स्तर पर बराबरी होनी चाहिए, वरिष्ठ अधिकारियों को जूनियर्स के सम्मान को बनाकर रखना चाहिए न कि उन्हें अधीन समझना चाहिए. इन निर्देशों में नौसेना के दावत वगैरह जैसे आयोजनों के दौरान खाना, पीना, बर्तन और क्राकरी सभी रैंक्स के लिए एक जैसी होनी चाहिए.
असल में सेना और कुछ अन्य संगठनों में अक्सर देखा जाता है कि दावतों या उन कार्यक्रमों में जिनमें अधिकारियों और अन्य रैंक्स के लिये नाश्ते आदि का इंतजाम होता है वहां ये बन्दोबस्त रैंक्स के हिसाब से अलग अलग किया जाता है. इनमें पकवान, ड्रिंक्स और कटलरी भी अलग अलग किस्म की होती है.
एडमिरल करमबीर सिंह ने विभिन्न कार्यक्रमों और वरिष्ठ अधिकारियों के नौसैनिक परिसरों के दौरे के वक्त गैरज़रूरी शानो-शौकत में कमी लाने के भी निर्देश दिए हैं. नये नियमों में कहा गया है कि एक आधुनिक लड़ाकू बल के तौर पर ये बात अहमियत रखती है कि नेवी सामयिक और रस्मी प्रक्रियाओं के दौरान जन संसाधनों का अधिकतम उपयोग करे.