केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज रायपुर में, छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री , केंद्रीय गृह सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, आसूचना ब्यूरो (IB) के निदेशक और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ – CRPF) के महानिदेशक समेत कई अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
गृह मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ बैठक में श्री शाह ने कहा कि तीन आंतरिक सुरक्षा स्थितियों- जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद-में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है और इनमें हिंसा में तकरीबन 75% की कमी आई है. इनके प्रभाव वाले भौगोलिक क्षेत्र में भी लगभग 80 प्रतिशत तक की कमी आई है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षाबलों और सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की साझा कोशिशों से वामपंथी उग्रवाद की समस्या अनिवार्य रूप से अब छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है. इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को अगले तीन साल में माओवादी खतरे से मुक्त करने की जरूरत है. गृह मंत्री ने खासकर वामपंथी उग्रवाद को बनाए रखने में सहायक पूरे तंत्र को टारगेट करने को लेकर सभी संबंधित हितधारकों द्वारा एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने की ज़रूरत पर जोर दिया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ पुलिस को शेष सुरक्षा कमियों को दूर करने, व्यापक जांच सुनिश्चित करने, अभियोजन की बारीकी से निगरानी करने, फंडिंग के रास्तों को बंद करने और खुफिया नेतृत्व वाले ऑपरेशन जारी रखने के निर्देश दिए. उन्होंने मल्टी-एजेंसी सेंटर के ज़रिये साझा किए गए सभी इनपुट की समीक्षा करने और सत्यापित इनपुट को संचालित करने पर भी जोर दिया.
केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने नक्सली हिंसा प्रभावित जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की सम्पूर्ण कवरेज की आवश्यकता पर बल दिया और इसके लिए सुरक्षा बलों के कैंपों का उपयोग करने को कहा ताकि नजदीक के गांवों में इन योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके.
, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर केंद्रीय गृह सचिव ने नक्सली हिंसा से अत्यधिक प्रभावित जिलों के कलेक्टरों और एसएसपी (ssp) के साथ एक विस्तृत बातचीत की गई.