नौसेना प्रमुख आर हरि कुमार प्रमुख ने भारत की समुद्री विरासत और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री विशिष्टता स्थापित करने में देश के भूगोल के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों को लागू करते हुए भारतीय नौसेना के युद्ध के लिए तत्पर, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए तैयार बल में परिवर्तित होने पर प्रकाश डाला.
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ( india’s naval chief ) ने 28 मार्च को डीएसएससी का यह दौरा किया था. उन्होंने समुद्री डकैती विरोधी मिशनों सहित भारतीय नौसेना (indian navy ) द्वारा हाल ही में चलाए गए कुछ अभियानों के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने भारत के व्यापार और अन्य समुद्री हितों की रक्षा में नौसेना की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने राष्ट्रीय सैन्य उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सशस्त्र बलों के भीतर एकजुटता और एकीकरण के महत्व पर भी ज़ोर दिया.
डीएसएससी :
डिफेन्स सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज की शुरुआत 1947 में हुई थी और अब देश विदेश में अच्छी खासी प्रतिष्ठा स्थापित कर चुका है. यहाँ पर थल सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों के साथ-साथ सिविल सेवाओं के अधिकारियों को एक ही छत के नीचे प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है . ऐसा करने करने वाले यह दुनिया भर के संस्थानों में यह अनूठा है .