नई दिल्ली. रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि नौसेना इस साल नौसेना कमांडरों के द्विवार्षिक सम्मेलन में अपने नए मिशन आधारित तैनाती दर्शन की समीक्षा के लिए तैयार है, जिसका मकसद क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करना है. यह बैठक मंगलवार से यहां शुरू हो रही है. इस 8 से 11 मई तक होने वाले चार दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण संबोधित करेंगी, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी.
मंत्रालय के एक बयान में कहा कि तैनाती दर्शन के हिस्से के तौर पर इसका मकसद भारतीय नौसेना (Indian Navy) की जहाजों की महत्वपूर्ण व मुश्किल जगहों पर मौजूदगी बनाना है. साथ ही जहाजों के गुजरने के लिए नए चक्र और मुकाबला दक्षता में सुधार के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों के पूर्ण संचालन की जांच सम्मेलन में की जाएगी.
इसमें कहा गया, “सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों, निरंतर प्रशिक्षण व जांच और अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर चालक दल की दक्षता संतुलन की भी समीक्षा की जाएगी.”
नौसेना कमांडर सम्मेलन में अग्रिम पंक्ति के सैनिकों व सहयोगी सैनिकों के अनुपात में सुधार करने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता और बड़े डेटा विश्लेषण जैसे विशिष्ट क्षेत्रों का पता लगाने पर विचार विमर्श करेंगे.