रक्षा मंत्रालय धन जुटाने के वैकल्पिक स्त्रोतों का पता लगायेगा

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15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह की अध्यक्षता में आयोग की हुई बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नेवी चीफ के अलावा अन्य अधिकारी.

रक्षा मंत्रालय ने खुलासा किया है कि वो धन जुटाने के लिए विभिन्न स्त्रोतों का पता लगा रहा है. पन्द्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह की अध्यक्षता में आयोग की शुक्रवार को हुई बैठक में इस पर चर्चा भी हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ इस बैठक के दौरान रक्षा मंत्रालय ने 2020-2025 की अवधि के लिए अपने फंड का अनुमान दिया. मंत्रालय ने अनुमानों की तुलना में रक्षा मंत्रालय के लिए आवंटित बजट के बारे में आयोग को जानकारियाँ दीं.

वित्त आयोग ने रक्षा मंत्रालय को आश्वासन दिया कि वह मंत्रालय की समग्र पूंजी को बढ़ाने, पूर्वानुमान लगाने में मदद और अपनी रक्षा तैयारियों में मदद करने संबंधी सुझावों को ध्यान में रखेगा. रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आयोग को बताया कि वह धन के अनेक वैकल्पिक स्रोतों का भी पता लगा रहा है.

दरअसल, वित्त मंत्रालय ने बीती 29 जुलाई को भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिए गए एक आदेश के बाद एक अधिसूचना जारी की थी. इस आदेश द्वारा, 15वें वित्त आयोग के कार्यक्षेत्र और उसके दायरे (Terms of Reference-टीओआर) में संशोधन किया गया था और अनुच्छेद 9ए को टीओआर के दायरे में शामिल किया गया था. “आयोग यह भी जाँच करेगा कि क्या रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के वित्तपोषण के लिए एक अलग तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए? , और यदि हां, तो इस तरह के तंत्र का संचालन कैसे किया जा सकता है.”

संशोधित टीओआर के बाद यह बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) सुभाष चंद्रा, सचिव (भूतपूर्व सैनिक कल्याण) संजीवनी कुट्टी, रक्षा अनुसंधान के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी, सचिव (रक्षा वित्त) श्रीमती गार्गी कौल, थल सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू, वायु सेना उप-प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया और तटरक्षक महानिदेशक कृष्णस्वामी नटराजन और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.