देशभक्ति, सैन्य भक्ति, शूरवीरता और कुर्बानी के रंगों से भरपूर मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल इस बार चंडीगढ़ में 13 दिसम्बर से शुरू होगा और 15 दिसंबर को सम्पन्न होगा. पंजाब सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और सेना के इस साझा शाहकार का ये तीसरा संस्करण है. पंजाब के मुख्यमंत्री और पूर्व सैनिक अधिकारी कैप्टन अमरिंदर सिंह की पहल पर इस आयोजन की शुरुआत 2016 में की गई.
इतवार की सुबह कैपिटल कॉम्लेक्स और सुखना लेक पर बच्चों की ग्रीन रन और बर्ड वाचिंग वर्कशॉप इस फेस्टिवल का एक ऐसा हिस्सा बने जिसमें खूब जोश दिखाई दिया. कुदरत की गोद जैसे वातावरण में हरे लिबास पहने बच्चे दौड़े भी खूब और संदेश भी सुन्दर दिया – धरती को बचाने के लिए प्लास्टिक कचरे से निजात पाने की तुरंत ज़रुरत है. दौड़ के आयोजन का मकसद लोगो को लोगों को ऐसे तौर तरीके अपनाने के लिए उत्साहित करना था जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे और आयोजन स्थल तक आने के लिए उन्हें साइकिल पर आने या कार पूल करने के लिए प्रेरित किये जाने के प्रति भी यही उद्देश्य था.
ग्रीन रन में 5 से 18 साल तक के विभिन्न स्कूलों के 550 छात्रों ने हिस्सा लिया. दौड़ को आयोजन समिति की सदस्य कोमल चड्ढा ने हरी झंडी दिखाई. वहीं पक्षी विशेग्यों की टीमों ने तकरीबन 250 पक्षी प्रेमियों को पक्षियों के बारे में जानकारियाँ दी. इस अवसर पर चंडीगढ़ पुलिस के महानिदेशक संजय बेनीवाल ने प्रतिभागियों से तंदुरुस्ती और पर्यावरण की सुरक्षा की संस्कृति अपनाने पर जोर दिया. यादविंदर पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर प्रिंसिपल मेजर जनरल (रिटायर्ड) टी पी एस वढ़ेच ने विजेताओं को पुरस्कार बांटे और उनकी जमकर तारीफ़ की. पंजाब पूर्व सैनिक निगम (PESCO ) के अध्यक्ष रिटायर्ड मेजर जनरल एपी सिंह ने बर्ड वाचिंग कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों को प्रमाण पत्र दिए.