हीरो से विलेन बनता मिग -21 , ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता को आखिरी सलाम

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मिग 21
ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता का शव अंतिम दर्शन के लिए.

ग्वालियर में भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट मिग 21 के हादसे से एक बार फिर सोवियत श्रृंखला के बरसों पुराने इस युद्धक विमान की प्रासंगिकता को लेकर बहस छिड़ गई है. इस हादसे में जान गंवाने वाले ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता का गुरुवार को ग्वालियर में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. 38 वर्षीय आशीष गुप्ता उत्तर प्रदेश के जालौन के मूल निवासी थे.

मिग 21
ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता की फाइल फोटो और श्रद्धांजलि..

ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता को आखिरी विदाई देने के लिए भारतीय वायुसेना की सेन्ट्रल कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ अमित तिवारी समेत वायु सेना के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे. ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता के परिवार में पत्नी छाया, 5 और 3 साल के दो बेटे हैं. सेना के बैंड ने मातमी धुन बजाकर और अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर लड़ाकू योद्धा को अंतिम सैल्यूट किया. ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता को मुखाग्नि उनके छोटे भाई अमित गुप्ता ने दी.

मिग 21
अंतिम यात्रा

कभी हीरो रहा मिग -21 :

रूस में बना मिग 21 सिंगल सीट और सिंगल इंजन वाला दुनिया का पहला सुपरसोनिक जेट विमान है जो कई भूमिकायें निभाने में सक्षम है और इसे 60 के दशक की शुरुआत में भारतीय वायुसेना में शामिल करना शुरू किया गया था. तब से तकरीबन 1200 मिग भारतीय वायु सैनिकों के लिए लाये गए. लेकिन 70 के दशक में इसका हादसों का शिकार होना ऐसा शुरू हुआ कि ये हादसे अब तक 170 से ज्यादा भारतीय पायलटों और 40 से ज्यादा नागरिकों की जान ले चुके हैं. इन हादसों की वजह से ‘उड़ते ताबूत’ के तौर पर बदनाम मिग 21 बायसन जबरदस्त मारक क्षमता वाला ऐसा युद्धक विमान है जो प्रशिक्षण में भी बहुत इस्तेमाल किया गया. भारत में लगातार हुए हादसों के बाद और खास तौर से 1999 में करगिल युद्ध के बाद मिग 21 लड़ाकू की भूमिका सीमित करके इंटरसेप्टर की कर दी गई है. एक जमाने में भारत में जो विमान हीरो था वो अब विलेन की तरह देखा जा रहा है. वैसे अब भी यहाँ 100 से ज्यादा मिग-21 परिचालित हैं.

मिग 21
मिग 21 बायसन

अभिनंदन का मिग – 21 :

साल पहले पाकिस्तान के युद्धक विमान को विंग कमांडर अभिनन्दन ने मिग 21 के ज़रिये ही तबाह किया था हालांकि इस घटना में मिग 21 भी नष्ट हुआ था. पायलट ने खुद को इजेक्ट कर लिया था. विंग कमांडर अभिनंदन पैराशूट की मदद से सुरक्षित तो उतरे लेकिन पाकिस्तान के इलाके में. बाद में पाकिस्तान ने बंधक बनाये गए विंग कमांडर अभिनन्दन को भारत के हवाले किया था. ये घटना भारतीय सेना की तरफ से बालाकोट में की गई स्ट्राइक के बाद तब हुई थी जब पाकिस्तान वायु सेना बदले के तौर पर भारतीय ठिकाने पर हमले की कार्रवाई के फ़िराक में थी.

मिग 21
परिवार के साथ ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता. फाइल फोटो

मिग -21 की खासियत :

दुनिया भर में तकरीबन 60 देशों की सेनायें इस मिग 21 पर भरोसा कर चुकी हैं. मिग 21 बायसन की अधिकतम रफ़्तार 2230 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसकी रेंज 1470 किलोमीटर है. 15 मीटर की लम्बाई वाला मिग 21 बायसन 5846 किलोग्राम वज़न का है.

विमानन के क्षेत्र में सबसे अधिक बनाये गये सुपरसोनिक जेट का रिकॉर्ड भी मिग 21 के नाम है जो सोवियत संघ में अब तक 10 हजार 600 से ज़्यादा बनाये जा चुके हैं. अत्यधिक उत्पादन होने के कारण ये सुपरसोनिक लड़ाकू विमान कई अन्य लड़ाकू विमानों के मुकाबले कम कीमत वाला है.