आईडीएसए की बैठक में कुछ नया करने को बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

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एमपी-आईडीएसए की 165वीं लेकिन वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के ज़रिये की गई पहली बैठक की अध्यक्षता रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की.

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (एमपी-आईडीएसए) की बैठक में विद्वानों से आग्रह किया है कि वे अभूतपूर्व संकटों के कारण अर्थव्यवस्था में होने वाली संसाधन की कमी की चुनौतियों को दूर करने के लिए नए विचारों की प्राप्ति के लिए और विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण के लिए खुद आगे आयें. यह एमपी-आईडीएसए की 165वीं लेकिन वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के ज़रिये की गई पहली बैठक थी. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को इस बैठक की अध्यक्षता की.

एमपी-आईडीएसए कोविड संकट के बीच लॉक डाउन के प्रतिबंधों के रहते हुए फिर से खुलने वाले पहले संस्थानों में से एक है, हालांकि, एक ही समय में उचित सुरक्षा उपायों और सामाजिक दूरी के लिए बताये गये तौर तरीकों का पालन कर रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 के कारण लागू की गई पाबंदियों के बावजूद अपना काम जारी रखने के लिए अपने एमपी- आईडीएसए के महानिदेशक, राजदूत सुजान आर चिनॉय, परिषद के सदस्यों और अन्य विद्वानों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह संस्थान विद्वानों और कर्मचारियों के आवागमन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सक्षम रहा है और अब तक कोविड-19 महामारी के आलोक में अपने लेखन और वेबिनार के माध्यम से आउटरीच और अनुसंधान की गति को बनाए रखा है.

राजनाथ सिंह ने एक महत्वपूर्ण संस्थान के रूप में एमपी- आईडीएसए के योगदान को स्वीकार किया जो कि रक्षा, सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अनुसंधान करता है. कुछ साल के दौरान संस्थान ने देश के कई राज्यों में सशस्त्र बलों, केंद्रीय पुलिस संगठनों और अर्धसैनिक बलों, सरकार और विश्वविद्यालयों के अनुसंधान प्रतिष्ठानों के साथ व्यापक संबंध स्थापित करने की दिशा में काम किया है.

आईडीएसए से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार के थिंक टैंकों के साथ व्यापक रूप से आदान-प्रदान करने के कारण विद्वानों को ऐसे माहौल में बातचीत करने का अवसर मिलता है, जहां पर स्वतंत्र और स्पष्ट विचारों और सलाहों का आदान-प्रदान किया जा सकता है. यह विचारों के क्रॉस-पोलीनेशन के ज़रिये नीति निर्माण करने वाले क्षेत्र में वैकल्पिक दृष्टिकोण और नए इनपुट लेकर आता है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान की सराहना करने का अवसर भी प्राप्त हुआ, जो हमारी सीमाओं के साथ प्रतिकूल परिस्थितियों में लड़ने के लिए तत्पर और तैयार हैं, साथ ही आतंकवाद विरोधी अभियानों, कोविड-19 के साथ लड़ाई में सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए भी मुस्तैद हैं.

कार्यकारी परिषद की इस बैठक में इसके सदस्य, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, पूर्व गृह सचिव जी. के. पिल्लई और प्रोफेसर एस. डी. मुनि उपस्थित थे. राजदूत स्वाशपवन सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मेनन (सेवानिवृत्त), वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा (सेवानिवृत्त), एयर मार्शल वीके भाटिया (सेवानिवृत्त) और गुलशन लूथरा ने भी इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया.