भारतीय सेना ( indian army ) में अग्निवीर के तौर पर भर्ती हुए सैनिक , पंजाब के अमृतपाल सिंह , का अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ न किए जाने को लेकर खड़े हुए विवाद पर सेना ने अब स्थिति स्पष्ट की है . सेना का कहना है कि यह आत्महत्या का मामला है और ऐसे मामलों में मृतक जवान को सैनिक सम्मान नहीं दिया जाता. दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया कि पंजाब सरकार अग्निवीर अमृतपाल शहीद मानती है . इसलिए उन्होंने अमृतपाल के परिवार को एक करोड़ रूपये का चेक भी भेंट किया .
सेना अमृतपाल की मृत्यु के मामले को किसी सैनिक शहादत का केस नहीं मानती . यूं सेना ने इस बारे में नीति का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया है कि सैनिक किसी भी योजना के तहत भर्ती हुआ हो , उसकी मृत्यु यदि खुद को पहुंचाई गई चोट के फलस्वरूप हो या आत्महत्या का केस हो , उसे सैनिक सम्मान नही दिया जाता . वैसे सेना ने अग्निवीर अमृतपाल के निधन को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद बताते हुए कहा है कि मृत्यु के हालात के बारे में बताते हुए दी गई जानकारी से ग़लतफ़हमी पैदा हुई.
भारतीय सेना में अग्निपथ योजना ( agnipath scheme ) के तहत भर्ती हुआ जवान अमृतपाल पंजाब के मानसा ज़िले के कोटली कलां गांव का रहना वाला था और कुछ अरसा पहले ही प्रशिक्षण पूरा करके जम्मू कश्मीर राइफल्स की बटालियन में शामिल हुआ था . अमृतपाल सिंह की तैनाती भारत – पाकिस्तान सीमा के निकट पूंछ सेक्टर ( poonch sector ) में थी जहां 11 अक्टूबर 2023 को उसकी मृत्यु हुई . सेना का कहना था कि कि अमृतपाल संतरी ड्यूटी पर तैनात था और उसने अपने हथियार से खुद को गोली मारी. शुक्रवार को कोटली कलां गांव में अमृतपाल का अंतिम संस्कार किया गया था लेकिन सेना ने यहां रस्मी विदाई नहीं दी थी जिसे लेकर विवाद खड़ा हुआ और इस पर राजनीतिक लोगों ने बयान देने शुरू किये. जबकि सेना ने साफ़ साफ़ कहा कि ऐसे मामलों में मृतक को सैन्य सम्मान या सलामी आदि नहीं दी जाती .
विवाद यह खड़ा हुआ था कि अमृतपाल के अग्निवीर होने के कारण ऐसा रवैया अख्तियार किया गया जो कि सैनिक के प्रति अपमान है और अग्निपथ योजना में भर्ती होने वाले जवान अग्निवीरों के साथ सौतेला व्यवहार दर्शाता है. सेना ने इस बारे में रविवार को स्पष्ट कर दिया था लेकिन सोमवार को कोटली कलां गए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसी तरह का बयान दिया.
इसी मौके पर उन्होंने भारतीय सेनाओं में अग्निपथ योजना के तहत की जाने वाली अग्निवीरों की भर्ती की आलोचना भी की . उन्होंने इतना तक कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार पर ‘ अग्निपथ ‘ योजना को वापस लेने के लिए दबाव भी डालेगी. भगवंत मां ने अग्निपथ योजना को वीर सैनिकों के प्रति अपमान बताया .
परविन्दर सिंह के घर :
मुख्यमंत्री भगवंत मान संगरूर के छाजली गांव में भी जाकर एक अन्य सैनिक परविन्दर सिंह के परिवार से मिले और इस परिवार को भी उन्होंने एक करोड़ रुपये की धनराशि का चेक दिया . 25 वर्षीय भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट में था और उसके तैनाती लदाख में करगिल में थी . वहां एक ट्रेनिंग के दौरान एक दुर्घटना में परविंदर सिंह की 5 अक्टूबर 2023 को मृत्यु हुई थी.