भारतीय सेना में डॉक्टर मेजर जनरल माधुरी कानितकर को तरक्की देकर अब लेफ्टिनेंट जनरल बना दिया गया है. भारतीय सेना में इस ओहदे तक पहुँची वह तीसरी महिला हैं. 37 साल से सेना की सेवा कर रहीं माधुरी कानितकर के पति भी लेफ्टिनेंट जनरल के ओहदे से रिटायर हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर को अब चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (सीडीएस-CDS) के तहत एकीकृत रक्षा कमान (Integrated Defence Command- आईडीएस) मुख्यालय में तैनात किया गया है. यह कमान 2001 में गठित सेनाओं के विभिन्न अंगों के बीच विभिन्न प्रकार के तालमेल का काम करती है.
आईडीएस कमांड हाल ही में गठित, सेना मामलों के वरिष्ठतम विभाग, सीडीएस के तहत लाई गई है और जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर से पहले इस रैंक तक पहुँचने वाली महिला अधिकारी पुनीता अरोड़ा थीं जबकि उनके समकक्ष भारतीय वायुसेना की पद्मावती बंद्योपाध्याय रहीं जोकि भारतीय वायु सेना में एयर मार्शल थीं.
सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे में दो साल पूरा करने के बाद मेजर जनरल माधुरी कानितकर को मई 2019 में उधमपुर में नई तैनाती दी गई थी जो सबसे अहम इसलिए भी मानी जाती है क्यूंकि इसकी ज़िम्मेदारी में, जम्मू कश्मीर और लदाख क्षेत्र के प्रभार वाली उत्तरी कमांड को युद्धक चिकित्सा देखभाल (कॉम्बैट मेडिकल केयर – combat medical care) मुहैया करना है. ये एक ऐसी कमांड है जो आतंकवाद और घुसपैठ निरोधक कार्रवाइयों के लिए भी काफी सक्रिय है.