पति की शहादत के बाद रेखा सिंह सेना में शामिल हुई, अफसर के तौर पर बॉर्डर में

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रेखा सिंह
गलवान संघर्ष में जान गंवा बैठे लांस नायक दीपक सिंह की पत्नी लेफ्टिनेंट रेखा सिंह

भारत-चीन सीमा पर तीन साल पहले दोनों देशों के फौजियों के बीच हुई झड़प में जान गंवाने वाले लांस नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह अब उसी बॉर्डर पर तैनात होकर सेना की सेवा करेंगी. देश और सैन्य भावना के प्रति उच्च कोटि के समर्पण और प्रेरणा भरी ये कोई फ़िल्मी कहानी नहीं है. रेखा सिंह ने दरअसल चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (officers training academy , chennai ) से कोर्स पूरा करने के बाद अब सेना में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन पाया है. लेफ्टिनेंट रेखा सिंह को आयुध कोर ( ordnance corps) में तैनाती दी गई है.

लेफ्टिनेंट रेखा सिंह की वर्तमान तैनाती पूर्वी लदाख में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा ( line of actual control – LAC ) पर होगी. सीमा पर तैनात सैनिकों को शस्त्र आदि की सुचारू सप्लाई सुनिश्चित करना उनका काम है. ऐसे अग्रिम मोर्चे पर किसी भी सैनिक की तैनाती उसके लिए फख्र का विषय होता है. लेफ्टिनेंट रेखा सिंह के लिए तो ये कुछ ज्यादा ही अहमियत रखता है. उनके पति लांस नायक दीपक सिंह ने इसी अग्रिम मोर्चे पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प के दौरान अपने देश के 30 फौजियों की जान बचाने के प्रयास में अपना सर्वोच्च न्यौछावर कर डाला था. शहीद लांस नायक दीपक सिंह के इस साहस पूर्ण कारनामे और बलिदान के लिए साल 2021 में वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद भारत में सैनिकों को वीरता के लिए दिया जाने वाला ये तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है.

रेखा सिंह
सेना की आर्टिलरी इकाइयों में पहली बार पांच महिला अधिकारियों को कमीशन दिया गया जो अग्रिम मोर्चों पर तैनात होंगी

उल्लेखनीय है कि जून 2020 में पूर्वी लदाख के गलवान घाटी क्षेत्र में सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिकों ने प्राण गंवाए थे.

बंगलादेश के सेना प्रमुख जनरल एसएम शफीउद्दीन अहमद ( general s m shafiuddin ) ने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली. जनरल शफीउद्दीन 27 अप्रैल से भारत दौरे पर हैं. इस बार ओटीए पासिंग आउट परेड की एक खास बात ये भी थी कि इस बार यहाँ से कोर्स पूरा करने वाले बैच के भारतीय कैडेट्स में से 20 प्रतिशत महिला कैडेट थीं. कुल मिलाकर इस बार यहां से 121 पुरुष और 36 महिला कैडेट्स ने भारतीय सेना की विभिन्न शाखाओं में कमीशन हासिल किया. भूटान के भी पांच पुरुष कैडेट्स और 24 महिला कैडेट्स ने यहां से कोर्स किया है.

कमीशन पाने वाली महिला अधिकारियों में पांच को आर्टिलरी की विभिन्न इकाइयों में अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया जाएगा. इनमें लेफ्टिनेंट महक सैनी ( lt. mehak saini) बेहद चुनौतीपूर्ण सर्विलेंस एंड टारगेट एक्युज़िशन (SATA) रेजीमेंट में तैनाती की जाएगी. लेफ्टिनेंट साक्षी दूबे ( lt SAKSHI DUBEY) और लेफ्टिनेंट अदिति यादव ( lt. ADITI YADAV) को फील्ड रेजीमेंट में, लेफ्टिनेंट पायस मुदगिल (lt.pious mudgil ) को मीडियम रेजीमेंट और लेफ्टिनेंट आकांक्षा (lt. akanksha ) को रॉकेट रेजीमेंट का हिस्सा बनाया गया है. इनमें से दो को उत्तरी सीमा में और तीन को पश्चिम के मोर्चों पर तैनात किया गया है.